बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार तड़के चार बजे मंदिर के कपाट खोलने के पश्चात भगवान महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराया गया। इसके बाद पण्डे पुजारियों ने दूध,दही,घी,शहद फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल
.
भस्म अर्पित करने के पश्चात, भगवान महाकाल को ड्रायफ्रूट के साथ भोग अर्पित कर कर्पूर आरती की गई। शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की। मोगरे और गुलाब के सुगंधित पुष्प धारण किये भगवान महाकाल ने। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी।
पहले ये था आरती का समय
- भस्म आरती – तड़के 4 से 6 बजे तक
- बाल भोग आरती- सुबह 7.30 से 8.15 बजे तक
- भोग आरती – सुबह 10.30 से 11.15 बजे तक
- संध्या पूजा – शाम 5 बजे से
- संध्या आरती – शाम 6.30 बजे से 7 बजे तक
- शयन आरती – रात 10.30 बजे से 11 बजे तक
आज से यह रहेगा आरती का समय
- भस्म आरती – तड़के 4 से 6 बजे तक
- बालभोग आरती – सुबह 7 से 7.45 बजे तक
- भोग आरती – सुबह 10 से 10.45 बजे तक
- संध्या पूजा – शाम 5 बजे से
- संध्या आरती – शाम 7 से 7.45 बजे तक
- शयन आरती – रात 10.30 से रात 11 बजे तक