यूपी STF के शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार को पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिन्ह दिया गया है। सोनू मटका एनकाउंटर में ये पदक दिया गया है।
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इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए थे। सोमवार (20 जनवरी) की रात सुनील कुमार और उनकी टीम ने शामली में कग्गा गैंग के 4 बदमाशों अरशद, मंजीत उर्फ ढिल्ला, सतीश और मनवीर का एनकाउंटर किया था। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर के पेट में दो गोली लगी थी। सुनील कुमार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 36 घंटे जिंदगी-मौत से लड़ने के बाद इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने अंतिम सांस ली।
मेरठ के रहने वाले थे इंस्पेक्टर सुनील
इंस्पेक्टर सुनील मेरठ में इंचौली के मसूरी गांव के रहने वाले थे। उनके पिता चरण सिंह का निधन हो चुका है। 80 वर्षीय माता अतरकली हैं। बड़े भाई अनिल काकरान गांव में खेती करते हैं। परिवार में पत्नी मुनेश, बेटा मंजीत उर्फ मोनू, और बेटी नेहा हैं औैर 6 महीने का पोता है। दोनों बच्चों की शादी हो चुकी है।
1 सितंबर, 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर, हरियाणा में कमांडो कोर्स किया। 1 जनवरी, 2009 को सुनील ने STF जॉइन किया। 16 साल से वह STF में ही थे।
सुनील कुमार 7 अगस्त, 2002 को हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रमोट हुए। 13 मार्च, 2008 को फतेहपुर में हुई पुलिस मुठभेड़ में ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। इसके लिए उन्हें 16 सितंबर, 2011 को आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से PAC में प्लाटून कमांडर बना दिया गया। 22 अप्रैल, 2020 को दलनायक के पद पर प्रमोट हुए थे।
कई बड़े एनकाउंटर किए
- 2008 में 5 लाख के इनामी बदमाश अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया और 50 हजार के इनामी उमर केवट को पुलिस मुठभेड़ के दौरान मार गिराया।
- 2012-13 में मेरठ यूनिट में रहते हुए 1-1 लाख के इनामी सुशील उर्फ मूंछ, बदन सिंह उर्फ बद्दो और भूपेंद्र बाफर को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
- 24 जून, 2019 को सवा लाख रुपए के इनामी अपराधी आदेश बालियान निवासी भौरा कलां को मुठभेड़ में ढेर किया।
- 04 मई, 2023 को मेरठ के थाना जानी क्षेत्र में एसटीएफ टीम के साथ हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना को मार गिराया।
- 14 दिसंबर, 2024 को एसटीएफ और स्पेशल सेल दिल्ली की संयुक्त टीम ने मेरठ के टीपी नगर थाना क्षेत्र में हाशिम बाबा गैंग के शूटर 50 हजार के इनामी अनिल उर्फ सोनू उर्फ मटका को मार गिराया। इस मुठभेड़ में भी सुनील कुमार का खास योगदान रहा।
इंस्पेक्टर सुनील कुमार के नेतृत्व में अवैध शस्त्रों की तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
2 किमी पीछा किया, 40 मिनट में 50 राउंड फायरिंग
इंस्पेक्टर सुनील कुमार अपनी टीम के साथ सोमवार की रात करीब डेढ़ बजे चौसाना रोड पर घेराबंदी किए थे। उन्हें अरशद के मूवमेंट की टिप मिली थी। रात करीब 2 बजे हरियाणा की तरफ से सफेद रंग की ब्रेजा कार आती दिखाई दी। पुलिस टीम ने टार्च की रोशनी से गाड़ी रोकने का इशारा किया। पुलिस से करीब 150 मीटर पहले ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी। गाड़ी में मौजूद अरशद ने ड्राइविंग सीट पर बैठे सतीश से कहा- पुलिस का घेरा है। जितनी जल्दी हो सके…गाड़ी भगा लो। इसके बाद सतीश ने स्टेयरिंग घुमाकर गाड़ी चौसाना की तरफ दौड़ा दी।
गाड़ियां दौड़ती रहीं, डेड पॉइंट पर बदमाश फंसे
इधर, इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने भी पुलिस टीम के साथ पीछा करना शुरू किया। अरशद आगे-आगे, पुलिस पीछे-पीछे थी। 2 Km तक लुकाछिपी का खेल चलता रहा। उदपुर भट्टे के पास रोड एक तरफ मुड़ी थी। बदमाश यहां तक पहुंचे, मगर रास्ता आगे बंद था।
अरशद के साथ कार में मौजूद बदमाश कार से बाहर नहीं आए, अंदर ही बैठे रहे। वह सोच ही रहे थे कि अब क्या करना है? तब तक पीछे से STF पहुंच गई।
अब सुनील गाड़ी से उतरकर अटैकिंग पोजिशन में आ गए। उन्होंने गाड़ी के साइड में खुद को छिपाया और बदमाशों की लोकेशन लेने लगे। उन्होंने बदमाशों से हथियार छोड़कर बाहर आ जाने के लिए कहा। बदमाशों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
इसी बीच अरशद और बाकी बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। कुछ गोलियां सुनील की गाड़ी पर आकर लगीं। पुलिस ने भी बदमाशों की तरफ गोलियां चलाई। बदमाश इतने एक्सपर्ट थे कि उनकी गोलियां पुलिस वालों के बिल्कुल नजदीक से निकल रही थीं। तभी दो गोली इंस्पेक्टर सुनील के पेट में आकर धंस गई। वह लहूलुहान होकर गिर पड़े।
ड्राइवर सतीश गाड़ी छोड़कर पिस्टल से गोली चलाते हुए भागा
टीम लीडर को गिरते देखकर पुलिस वालों ने तेजी से घेराबंदी करना शुरू किया। इतने में अंधेरे में एक शख्स अरशद गाड़ी की ड्राइविंग सीट से उतरकर भागता हुआ दिखा। वह पिस्टल से गोली चला रहा था। STF ने उस बदमाश को पीछे की तरफ से घेरा, ताकि वह भाग न सके।
40 मिनट तक दोनों तरफ से गोलीबारी के बाद अचानक बदमाशों की तरफ से गोली चलना बंद हो गईं। इसके बाद STF और पुलिस टीम ने माइक पर अनाउंसमेंट किए। मगर कोई जवाब नहीं आया। पुलिस अपनी-अपनी लोकेशन से बाहर आकर आहिस्ता-आहिस्ता बदमाशों की तरफ बढ़ने लगी। करीब जाकर देखा तो कार के अंदर 3 बदमाश लहूलुहान पड़े मिले। पुलिस ने देखा कि उनकी सांसें थम चुकी हैं।
ड्राइविंग सीट छोड़कर भागा सतीश कुछ दूरी पर मिला
पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए चारों बदमाशों की पहचान की। इनमें सहारनपुर निवासी अरशद, हरियाणा सोनीपत निवासी सतीश, करनाल निवासी मंजीत उर्फ ढिल्ला और करनाल निवासी मनबीर शामिल थे। ड्राइवर सीट छोड़कर भागा सतीश कुछ दूर सड़क किनारे पड़ा मिला था।
2 गोली पेट में दो लगी थी हाथ में
अरशद पर 1 लाख का इनाम था। STF उसकी तलाश कर रही थी। सोमवार को लोकेशन मिलने के बाद STF के 10 पुलिसकर्मी 2 गाड़ी में बदमाशों का पीछा कर रहे थे। बदमाश कारबाइन के अलावा दो पिस्टल, दो तमंचे और एक देसी बंदूक भी लिए हुए थे। बदमाशों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग में उन्हें दो गोली पेट में और दो हाथ में लगी।
अब अरशद के गैंग संभालने की कहानी पढ़िए…
2021 से अरशद ने संभाली गैंग की कमान
मुकीम काला की मौत के बाद अरशद ने पूरा गैंग संभाला। इसके बाद करीब 20 से 25 लूट, हत्या और गैंगस्टर की वारदातों को अंजाम दिया। उसने हरियाणा, दिल्ली, वेस्ट यूपी के कई और लोगों को गैंग में जोड़ना शुरू किया। इसके बाद अपने हिसाब से पूरा नेटवर्क ऑपरेट कर रहा था।
पुलिस के मुताबिक, अरशद ने गैंग में मुकीम गिरोह के सदस्य, रिजवान, वाजिद, सादर, हैदर, महताब,अकबर,नीरज, फरमान, हारुण, आसिफ, मुंशाद, बेशर और अजरू को शामिल किया था।