एक नंबर प्लेट से दौड़ रही थीं दो बसें
दुर्ग जिले में एक ही नंबर प्लेट से दो बस चलाने के मामला सामने आया है। ये बस हीरा सिंह जाट की हैं, जो हीरा बस सर्विस के नाम से चल रही थीं। जामुल पुलिस ने फर्जी नंबर लगी बस को जब्त कर संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हीरा सिंह जाट डोंगरगांव का रहने वाला है। भिलाई में एसीसी चौक के पास भी इसका अपना हीरा ट्रांसपोर्ट नाम से ऑफिस है। हीरा जाट अपनी बसों का फिटनेट और टैक्स समय पर नहीं भरता है। इसको बचाने के लिए उसने एक नंबर की कई नंबर प्लेट बना ली और उसे एक से अधिक बसों में लगाकर चला रहा था।
छत्तीसगढ़ शासन से मान्यता के बाद भी धोखाधड़ी
जामुल थाना प्रभारी कपिल देव पाण्डेय को इसकी जानकारी मिली थी। वो खुद अपनी टीम के साथ बेरला रोड मुंगेरा के ठेंगाभाठ पहुंचे और वहां ड्राइवर के घर से 40 सीटर बर को जब्त करके जामुल थाने लाया गया। ड्राइवर को थाने में लाकर पूछताछ की जा रही है। उसने एक नंबर प्लेट दो बस में लगाने की बात को कबूल कर लिया है। इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
दुर्ग एसपी के प्वाइंट पर की गई है कार्रवाई
ऐसा बताया जा रहा है कि किसी ने दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला से एक नंबर प्लेट से कई बस चलाने की शिकायत की थी। इसके बाद एसपी ने सीएसपी हरीश पाटिल और टीआई कपिल देव पाण्डेय को इसका प्वाइंट दिया। एसपी के निर्देश पर तुरंत जामुल टीआई टीम लेकर रवाना हुए और बस को जब्त करके लाए।
जामुल थाने में खड़ी कराई गई बस
रात भर थाने में लगा रहा बस छुड़ाने वालों का मजमा
एक नंबर प्लेट की दो बस पकड़ी जाने के बाद हीरा सिंह जाट परेशान हो गया। उसने मामले को रफा दफा करने के लिए थाने से लेकर कई अधिकारियों तक सोर्स लगा दिया, लेकिन उसकी एक नहीं चली। इसके बाद जामुल थाने में कई भाजपा से जुड़े नेता और ट्रांसपोर्टर पहुंचे। जब टीआई थाने ही नहीं पहुंचे तो वो लोग बैरंग लौट गए। इसके बाद टीआई के निर्देश पर देर रात मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ड्राइवर को हिरासत में लेकर कर रही पूछताछ
रद्द हो सकता है दोनो बसों का रजिस्ट्रेशन और परमिट
इस तरह एक ही नंबर प्लेट को दो गाड़ियों में लगाकर चलाना गैर कानूनी है। नियम के मुताबिक ऐसा करने पर धोखाधड़ी का मामला बनता है, जो जामुल पुलिस ने दर्ज कर लिया है। वहीं आरटीओ को पावर है कि ऐसा करने पर वो गाड़ी संचालक के ऊपर मोटा जुर्माना लगाने के साथ ही उसकी बस का रजिस्ट्रेशन और परमिट को रद्द कर सकता है। अब देखना है कि दुर्ग आरटीओ इस पर क्या कार्रवाई करता है।
दो बसें और उसमें लगी एक नंबर प्लेट
इस तरह दो बसों में मिली एक नंबर प्लेट
हीरा सिंह जाट ने एक ही रंग और एक ही डिजाइन को दो बसों में एक ही नंबर प्लेट CG 07 E 0872 नंबर प्लेट को लगाकर चला रहा था। इस बस को वो सवारी भाड़ा में चला रहा था। इसके लिए उसने छत्तीसगढ़ शासन से बकायता मान्यता लिया है और बस में उसे लिखवाया भी गया है। लेकिन दोनों बसों में कुछ अंतर है। एक बस में पीछे शेर को छोटो छोटे मोनो नहीं बने तो दूसरे में बने हैं, वहीं एक में पीछे स्टॉप अलग डिजाइन से लिखा है जो दूसरे में नहीं है। इस अंतर से बसों की पहचान होती है।