महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज के घरों में गुड़ी पड़वा का उल्लास देखने को मिला।
हरदा के सद्गुरु ब्रह्म चैतन्य महाराज गोदवलेकर के पट्टाभिराम मंदिर में रामजन्मोत्सव की धूमधाम से शुरुआत हो गई। रविवार को गुड़ी पड़वा के शुभ अवसर पर विश्वस्त मंडल के सदस्यों ने मंदिर में विधिवत पूजन किया।
.
मंदिर से जुड़े अनंत गोडबोले ने पारंपरिक वेशभूषा में अपनी पत्नी के साथ गुड़ी पूजन किया। मंत्रोच्चार के साथ मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण हुआ और गाजे-बाजे के साथ गुड़ी स्थापित की गई।
महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज के घरों में भी गुड़ी पड़वा का उल्लास देखने को मिल रहा है। घर-घर में बांस पर साड़ी और कलश से गुड़ी सजाई गई है। परंपरा के अनुसार पूजन के बाद श्रद्धालुओं को नीम और गुड़ का प्रसाद वितरित किया जा रहा है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नव संवत्सर की शुरुआत होती है और इसी दिन से चैत्र नवरात्रि भी प्रारंभ होती है। गुड़ी का अर्थ ध्वज होता है और प्रतिपदा को पड़वा कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्योदय से पहले स्नान कर महिलाएं घर में गुड़ी स्थापित करती हैं, जिसे विजय और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह विश्वास किया जाता है कि गुड़ी स्थापना से घर में सुख-शांति आती है और नकारात्मकता दूर होती है।