गोबर से बने प्रोडक्ट्स के बारे में बताती महिला।
हरियाणा में सोनीपत की महिला गाय के गोबर से अलग-अलग चीजें बना साल में 6 लाख रुपए कमा रही है। उनके प्रोडक्ट की कीमत 20 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए तक है। इसके अलावा गोबर से बनाया 3D मंदिर 50 हजार रुपए तक में बिक जाता है। लोग इसे सिर्फ 15 हजार की इन्वेस्टम
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इस काम के लिए उसने टीचर की जॉब तक छोड़ दी। वहीं बागवानी विभाग में काम करने वाले पति भी इसमें उनका हाथ बंटा रहे हैं। वहीं गाय का दूध बेचकर वह साल के 12 से 18 लाख रुपए तक कमा लेते हैं।
दंपती करनाल में चल रहे 11वें सब्जी मेले में गोबर से बनाई चीजें लेकर पहुंचे। जहां उन्होंने सेल्फ एंप्लॉयमेंट की यह सक्सेस स्टोरी बताई।
दंपती को कैसे मिली कामयाबी, सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए
पति ने कहा- पहले सिर्फ दूध बेचते थे, फिर गोबर प्रोडक्ट बनाने शुरू किए पति देवेंद्र ने कहा- परिवार हमेशा से गाय पालता था। दूसरों की तरह हम भी उसके दूध तक ही सीमित थे। अपने पीने के अलावा बाहर वालों को भी दूध बेचते थे। एक बार हमने मोटिवेशनल स्पीकर राजीव दीक्षित की बातें सुनीं। वह कह रहे थे कि गाय का दूध ही नहीं बल्कि मूत्र और गोबर भी उपयोगी होता है। गोबर में लक्ष्मी जी का वास माना गया है, जबकि गौमूत्र में आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि जी का वास होता है। इसके बाद हमने गोबर को भी इस्तेमाल करने के बारे में सोचना शुरू किया।
मेले में लगी स्टोल पर गोबर से बने प्रोडक्ट चैक करते कृषि मंत्री।
काम शुरू किया तो पत्नी ने नौकरी छोड़ी पत्नी बबीता ने बताया- मैं प्राइवेट टीचर की जॉब कर रही थी। जब हमने गोबर से प्रोडक्ट बनाने का फैसला किया तो फिर नौकरी छोड़ दी। तीन साल पहले गोबर से अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट बनाने के आइडिया पर काम करना शुरू किया। इसके बाद सबसे पहले दीये और धूपबत्ती बनाई। दीवाली पर उनकी अच्छी बिक्री हो गई तो इसके बाद गोबर की लकड़ियां और ईंटें बनाईं।
इसके बाद गोबर से योग ध्यान मुद्रा, भगवान गणेश, भगवान शिव, श्रीराम, नंदी, शिवलिंग, दीवार घड़ी, ओम, बाबा खाटू श्याम के तीन बाण वाले धनुष जैसी कई कलात्मक वस्तुएं तैयार की हैं। इन सभी प्रोडक्ट को शीशे के फ्रेम में सेट किया गया है, जिससे ये देखने में भी सुंदर लगते हैं।
देवेंद्र ने बताया कि हम गाय के गोबर से काफी तरह के प्रोडक्ट बनाते है। जिनकी कीमत 20 रुपए से 1000 रुपए तक है। इसके अलावा 3D प्रोडक्ट तैयार जिसमें मंदिर वगैरा बनाए जाते है। जिसकी कीमत 40 से 50 हजार रुपए तक की कीमत है।
गोबर से बनी दीवार घड़ी।
सोशल मीडिया के जरिए काम प्रमोट किया बबीता ने बताया कि इस काम के लिए कुछ खास मार्केटिंग की जरूरत नहीं पड़ी। इस बारे में लोगों से बात की। जिन्हें गोबर का महत्व पता था। वह हमसे खरीदने लगे। कुछ कंपनियों ने गिफ्ट पैक भी कराए। इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए भी प्रोडक्ट के बारे में लोगों को जानकारी दी।
अपनी स्टॉल पर लोगों को गोबर से बने प्रोडक्ट दिखाती बबीता।
मध्यप्रदेश से मंगाई मशीन बबीता ने बताया कि गोबर से दीये बनाने के लिए मशीन आती है। यह 8 हजार रुपए में मध्यप्रदेश से मंगाई थी। इस मशीन से दीये और धूपबत्ती बना सकते हैं। चूंकि हमारे घर में 8 गाय हैं, इसलिए गोबर आसानी से मिल जाता है।