वॉशिंगटन डीसी45 मिनट पहले
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ट्रम्प के फैसले के खिलाफ कैम्ब्रिज में भी प्रदर्शन हुए।
अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के खिलाफ मैसाचुसेट्स की फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट केस दायर किया है।
प्रोफेसर्स के दो ग्रुप ने यूनिवर्सिटी फंड को रोकनी की धमकी के खिलाफ यह केस दर्ज किया है। ट्रम्प प्रशासन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को मिलने वाले 9 अरब डॉलर के फंड की समीक्षा कर रहा है।
हार्वर्ड के प्रोफेसर्स ने हवाला दिया है कि ट्रम्प का यह फैसला अमेरिकी संविधान के फर्स्ट अमेंडमेंट (प्रथम संशोधन) का उल्लंघन करता है। प्रोफेसर्स ने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी फंड में कटौती करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है।
कोर्ट में दायर याचिका में ट्रम्प प्रशासन के फैसले पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।
शनिवार को हार्वर्ड कैंपस के पास केमब्रिज में सैकड़ों छात्रों, प्रोफेसरों और केमब्रिज की मेयर डेनिस सिमंस ने इस कदम के खिलाफ प्रदर्शन किया।
यूनिवर्सिटी पर आरोप- यहूदियों के खिलाफ नफरत को रोकने में नाकाम
हाल ही में ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड को एक चिट्ठी भेजी थी। इस चिट्ठी में यूनिवर्सिटी को कुछ शर्तें पूरी करने के लिए कहा गया था। ऐसा न करने पर यूनिवर्सिटी की संघीय फंडिंग पर रोक लगाने की धमकी दी गई।
इस कदम के पीछे ट्रम्प प्रशासन का दावा था कि हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थान एंटी-सेमिटिज्म (यहूदियों के खिलाफ नफरत) को रोकने में नाकाम रहे हैं। प्रशासन ने आरोप लगाया कि कैंपस में यहूदी छात्रों और प्रोफेसरों के खिलाफ भेदभाव हो रहा है।
यूनिवर्सिटी को मिलने वाली फंडिंग सर्च, स्टूडेंट स्कॉलरशिप, और कई साइंस और मेडिकल प्रोजेक्ट्स के लिए बेहद जरूरी है।
यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीनी झंडा फहराया था
गाजा में जारी इजराइल-हमास जंग के खिलाफ पिछले साल अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों में हजारों छात्रों ने हिस्सा लिया था। AP की रिपोर्ट के मुताबिक 1000 से ज्यादा छात्र गिरफ्तार भी हुए।
इस दौरान हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फिलिस्तीनी झंडा फहराया था। यूनिवर्सिटी ने इसे पॉलिसी के खिलाफ बताते हुए छात्रों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही थी।
पिछले साल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जॉन हार्वर्ड स्टैच्यू के ऊपर अमेरिकी झंडे की जगह फिलिस्तीन का झंडा फहराते छात्र।
ट्रम्प प्रशासन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी को 33 अरब रुपए की मदद रोकी
ट्रम्प प्रशासन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 33 अरब रुपए) के अनुदान को रद्द कर दिया था। प्रशासन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी पर भी यहूदी छात्रों के हो रहे उत्पीड़न को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया था।
अमेरिकी शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग, न्याय विभाग और सामान्य सेवा प्रशासन की जॉइंट टास्क फोर्स टु कॉम्बैट एंटी-सेमिटिज्म ने यह कार्रवाई की।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी ज्यूडिशियल बोर्ड ने गाजा को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान हैमिल्टन हॉल पर कब्जे में शामिल छात्रों पर सख्त कार्रवाई भी की है।
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