गोरखपुर के अंतरराष्ट्रीय युवा पर्वतारोही नीतीश सिंह ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कि है। इस बार नीतीश ने वियतनाम की सबसे ऊंची चोटी माउंट फांसिपन (3143 मीटर) को फतह किया। यह उनकी 6वीं अंतरराष्ट्रीय चोटी थी, और उन्होंने महज 7 घंटों में इस चुनौतीपूर्ण
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23 अप्रैल 2025 को दिल्ली से वियतनाम के लिए रवाना होने के बाद, नीतीश 24 अप्रैल को वियतनाम पहुंचे और 25 अप्रैल को हनोई शहर पहुंचे। वहां से 26 अप्रैल को वे सापा शहर पहुंचे, जहां एक दिन का प्रशिक्षण लिया और फिर 27 अप्रैल को माउंट फांसिपन की चढ़ाई शुरू की।
कठिन चढ़ाई से भी नहीं टूटा जज्बा
नीतीश ने सुबह 8 बजे नेशनल पार्क तक पहुंचने के बाद अपनी चढ़ाई की शुरुआत की। चढ़ाई के दौरान उन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना किया और दोपहर 12 बजे कैंप 1, दोपहर 2 बजे कैंप 2 तक पहुंचे, और अंततः शाम 3:55 बजे माउंट फांसिपन के शिखर पर पहुँचने में सफलता प्राप्त की। यह पर्वतारोहण अभियान नीतीश के लिए एक ऐतिहासिक पल था, क्योंकि वे भारत के पहले पर्वतारोही बने जिन्होंने माउंट फांसिपन की चोटी को केवल 7 घंटे में समिट किया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई
नीतीश के इस साहसिक कार्य के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बधाई दी और उनकी सफलता को प्रदेश और देश के लिए गर्व का विषय बताया। माउंट फांसिपन, जिसे “इंडोचाइना की छत” भी कहा जाता है, वियतनाम का सबसे ऊंचा पर्वत है, और इस पर चढ़ाई करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
समाज को जागरूक करने का दिया संदेश
नीतीश के साहसिक अभियान सिर्फ पर्वतारोहण तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने इस दौरान कई सामाजिक संदेश भी दिए। उनकी यात्राओं का उद्देश्य न केवल अपने देश का नाम रोशन करना था, बल्कि उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने की भी कोशिश की। 2018 में माउंट एवरेस्ट बेस कैंप (17598 फीट) पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया, माउंट स्टॉक कांगड़ी (6124 मीटर) पर सर्व शिक्षा अभियान, माउंट रूद्र गैरा (19081 फीट) पर, माउंट किलिमंजारो (19340 फीट) पर थर्ड जेंडर किन्नर समाज के सम्मान का संदेश दिया, और माउंट एलब्रुस (18510 फीट) पर वैश्विक महामारी के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।
देश के युवा हार नहीं मान सकते
नीतीश के अद्वितीय साहस और समर्पण ने उन्हें एक प्रेरणा का प्रतीक बना दिया है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर मन में संकल्प और मेहनत हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनके इस साहसिक यात्रा से यह भी सिद्ध हुआ कि हमारे देश के युवा किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं।
अभी तक इन मुख्य चोटियों पर लहराया है तिरंगा
- 2018 में माउंट एवरेस्ट पर 17598ft. बेस कैंप से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया।
- 2018 लेह लद्दाख स्थित माउंट स्टॉक कांगड़ी 6124 मीटर एवं सर्व शिक्षा अभियान, सब पढ़े सब बढ़े का संदेश दिया।
- 2019 मध्यप्रदेश के इंदौर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट क्लाइंबिंग में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया।
- अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (19340ft.) पर तिरंगा फहरा चुके है। यहां से उन्होंने थर्ड जेंडर किन्नर समाज के सम्मान हेतु संदेश दिया।
- यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस (18510ft.) पर तिरंगा फहरा चुके है। वहां से उन्होंने वैश्विक महामारी के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।
- अफ्रीका महाद्वीप की पांचवी सबसे ऊंची चोटी माउंट मेरु (14980ft.) को फतह किया।
- टर्की देश की सबसे ऊँची चोटी माउंट आरारत (16854ft.) को फतह किया है।