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होली पर चंद्र ग्रहण कब से कब तक? जानें सूतक काल मान्य होगा या नहीं, ग्रहण के तुरंत बाद करें ये काम


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Chandra Grahan 2025 Date And Time: 14 मार्च को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है और इस दिन रंगों वाली होली का पर्व भी मनाया जा रहा है. चंद्र ग्रह का प्रभाव देश दुनिया, अर्थव्यवस्था, प्रकृति में हलचल आदि सभी …और पढ़ें

होली पर चंद्र ग्रहण कब से कब तक

हाइलाइट्स

  • 14 मार्च को चंद्र ग्रहण सुबह 10:39 से दोपहर 2:18 तक होगा.
  • भारत में चंद्र ग्रहण नहीं दिखेगा, सूतक काल मान्य नहीं होगा.
  • ग्रहण के बाद घर की सफाई और पूजा करें, दान दें.

होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है, यह ग्रहण होलिका दहन के तुरंत बाद यानी फाल्गुन पूर्णिमा से शुरू हो जाएगा और प्रतिपदा तिथि तक चलेगा. चंद्र ग्रहण खगोल और ज्योतिष दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और खास माना जाता है. इस बार यह ग्रह एक ब्लड मून के रूप में दिखाई देने वाला है. चंद्र ग्रहण एक खगोलिय घटना है, जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है, तब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया से ढक जाता है, तब इस चंद्र ग्रहण कहते हैं. वहीं ज्योतिष की मानें तो राहु और केतु की वजह से चंद्रमा पर ग्रहण लगता है. आइए जानते हैं होली पर लगने वाले चंद्र ग्रहण कब से शुरू होगा और क्या इस ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा.

चंद्र ग्रहण 2025 आरंभ और समापन
14 मार्च को लगने वाले चंद्र ग्रहण का आरंभ भारत के समयानुसार सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर होगा और इसका समापन दोपहर 2 बजकर 18 मिनट पर होगा. चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. इसलिए होली पर होने वाली पूजा अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान बिना किसी विघ्न बाधा के आप कर सकते हैं.

कहां नजर आएगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका का अधिकांश हिस्सा, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, अधिकांश यूरोप, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया, अंटार्कटिका आदि जगहों पर लगने जा रहा है. पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने पर चंद्रमा सूर्ख लाल दिखाई देने लगता है इसलिए यह ब्लड मून कहलाता है.

सभी को प्रभावित करता है चंद्र ग्रहण
होली पर लगने वाला चंद्र ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगने जा रहा है. वैदिक ज्योतिष में ग्रहण को शुभ नहीं माने गए हैं इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य की मनाही होती है और गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. ग्रहण काल चंद्रमा के लिए अशुभ स्थिति होती है, इस समय बुरी शक्तियां हावी रहती हैं. ग्रहण काल में जन्म लेने वाले बच्चों पर ग्रहण दोष लग जाता है. ग्रहण शुरू होने से पहले और ग्रहण के समापन तक देश-दुनिया, मनुष्य, जीव-जंतुओं को प्रभावित करता है.

चंद्र ग्रण के तुरंत बाद करें यह काम
चंद्र ग्रहण के बाद पूरे घर की साफ सफाई करने के बाद स्नान करें और पूजा पाठ करें. साथ ही चंद्रमा से संबंधित चीजें जैसे दूध, दही, चीनी, मोती, सफेद मिठाई आदि चीजों का दान करना शुभ माना जाता है. ग्रहण के बाद शिवलिंग और चंद्रमा को जल अर्पित करें और घर के बड़े सदस्यों का आशीर्वाद प्राप्त करें.

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