धर्म गुरु आचार्य पंडित सोमेश परसाई और शहरकाजी हाफिज मोहम्मद अशफाक अली की।
हिंदू सनातन धर्म का फाग उत्सव (होली, धुलेंडी) शुक्रवार को मनाया जाएगा। मुस्लिम धर्म के पवित्र माह रमजान माह के जुम्मा भी शुक्रवार को रहेगा। दोनों पर्व एक साथ होने से कई प्रकार के बयान सामने आ रहे है। नर्मदापुरम के धर्म गुरुओं ने पर्व को शांति, सद्भाव
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शहरकाजी की अपील का पोस्टर।
शहरकाजी की नसीहत- सब्र और भाईचारा कायम रखें होली और रंग पंचमी के दिन रंग से बचने के लिए खुद अपना ख्याल रखें। जुमे के दिन नमाज पढ़ने जाएं तो सब्र रखें। अगर धोखे से रंग, गुलाल लग जाता है तो उसे बर्दाश्त करें, भाईचारा निभाएं। किसी भी तरह का विवाद पैदा न करें। नमाज में देश की खुशहाली की मांग करें।
स्नेह और सौहार्द से होली मनाएं आचार्य पंडित सोमेश परसाई ने कहा होली केवल रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, उमंग और आत्मीयता का त्योहार है। यह गिले-शिकवे भुलाने और सभी के साथ सौहार्द स्थापित करने का पर्व है। जिस प्रकार हम अपने घर को सजाते हैं, उसी प्रकार अपनों को भी प्रेम और सम्मान से रंगों में रंगना चाहिए। प्राकृतिक रंगों और पलाश के फूलों से होली खेलें। गाय के उपलों और समिधाओं से शुद्ध होलिका दहन करें। सनातन परंपरा को जीवंत बनाए रखें और स्नेह, सौहार्द से होली मनाएं।