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10 रुपए के जुगाड़ से बिजली बिल 4 गुना कम: हिसार में बिजली मीटरों से छेड़छाड़, पुर्जा फिट कर रीडिंग कम करते – Hisar News


हिसार में पकड़े गए टेंपर मीटर और लैब में मीटरों की जांच करते बिजली कर्मी।

हरियाणा के हिसार में बिजली मीटर टेम्परिंग का बड़ा नेटवर्क चल रहा है। इससे बिजली निगम को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। अकेले हिसार में बिजली निगम को 3822 मीटर में से 1381 मीटर टेंपर मिले हैं यानि हर तीसरे मीटर में गड़बड़ी मिली है।

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उपभोक्ता बिजली मीटर में छेड़छाड़ करके बिल को घटा देते हैं। मार्केट में बिजली बिल घटाने का पुर्जा रेजिस्टेंस 10 रुपए में मिलता है। इससे 4 गुना तक एक मीटर से बिल आसानी से घटाया जा सकता है।

इसे ऐसे समझिए। जैसे एक उपभोक्ता के घर का बिजली लोड 2 से 3 किलोवाट है तो इस हिसाब से उसका बिल करीब 3000 से 4000 के बीच आना चाहिए, मगर 10 रुपए के पुर्जे यानि रेजिस्टेंस से बिल 400 से 500 रुपए तक ही आता है। यह रेजिस्टेंस हिसार की किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में आसानी से मिल जाता है। रेजिस्टेंस करंट का फ्लो कम करता है।

टेंपर किए गए मीटरों की जांच करते बिजली निगम के कर्मचारी।

ऐसे पकड़ा बिजली निगम में खेल दरअसल, बिजली निगम के मामला तब पकड़ में आया जब अचानक गर्मियों में उपभोक्ताओं का बिजली बिल घटने के बजाय 4 से 5 गुना घट गया। इसके बाद बिजली निगम ने ऐसे उपभोक्ताओं की सूची तैयार की। करीब 3822 मीटर को उतारकर बिजली निगम ने लैब में चेक किया इसमें से हर तीसरा मीटर टेंपर मिला। 1381 मीटर टेंपर मिले।

इस तरह से टेंपर किया जाता है मीटर बिजली निगम के अधिकारियों के अनुसार जब किसी उपभोक्ता का बिल ज्यादा आता है तो वह गिरोह से संपर्क कर मीटर के साथ छेड़छाड़ (टेम्परिंग) करवा लेते हैं। इसके बाद मीटर की रीडिंग कम आती है और बिल भी कम आता है। इससे उपभोक्ता को फायदा होता है, लेकिन बिजली निगम को नुकसान होता है।

गिरोह मीटर में सीटी से मेन सर्किट यानी पीसी में जाने वाली वायर या तार को काट देते हैं और उसकी जगह रेसिस्टेंस लगा देते हैं। रेजिस्टेंस लगा देने से करंट का फ्लो मीटर में कम जाता है। इस कारण मीटर रीडिंग कम निकालता है और बिल कम आता है। अगर कोई पुराना मीटर है तो उसे रिमोट के जरिए बाहर से कंट्रोल किया जा सकता है।

पकड़ने जाने पर बिजली निगम ऐसे वसूलता है जुर्माना बिजली निगम के अनुसार बिजली मीटरों के साथ छेड़छाड़ मिलने पर एक साल की पेनल्टी लगती है। अगर किसी का बिजली बिल एक माह का दो से तीन हजार रुपए आता है तो पेनल्टी 20 से 30 हजार रुपए लगती है। बिजली निगम को हर माह 100 से ज्यादा मीटर टेंपर मिलते हैं। इसके लिए हिसार में विद्युत सदन के पीछे लैब बनाई गई है, जहां पर एसडीओ की नेतृत्व में एक्सपर्ट की टीम मीटरों की जांच करती है।

SDO बोले- बिजली की खपत को कम करता है गिरोह दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ( DHBVN) के SDO दिनेश कुमार ने बताया कि करीब 3822 मीटरों को चिह्नित किया गया था। इनमें से 1381 मीटरों के साथ छेड़छाड़ मिली और बिजली निगम टीम ने अपने कब्जे में लिया। वहीं 2205 मीटरों के पुर्जे ठीक मिले। इस गड़बड़ी का खेल गिरोह मीटर के रीडिंग को कंट्रोल करने के लिए असली पुर्जे निकालकर नकली लगा देते हैं। इससे मीटर बिजली की खपत को कम दिखा कम रीडिंग का पूरा बिल बनाता है। बिल भुगतान राशि कम रहती है।



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