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5 Auspicious Coincidence: 12 अप्रैल दिन शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाएगा. इसके साथ ही चैत्र पूर्णिमा और ग्रहों का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है. इस दिन आपको शनिदेव को प्रसन्न करने का मौका मिलेगा और स्…और पढ़ें
12 अप्रैल को 5 शुभ संयोग
12 अप्रैल का दिन कई मायनों में बेहद शुभ रहने वाला है. दरअसल इस दिन हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा के अलावा और भी कई महत्वपूर्ण इवेंट होने वाले हैं, जिससे इस दिन की महत्ता और भी बढ़ गई है. इस दिन आपको हनुमानजी की पूजा करने के साथ साथ शनि दोष, ग्रह दोष, पितृ दोष समेत कई दोषों से निवाराण का मौका मिलेगा और इस दिन किए जाने वाले कार्यों से नाराज पितर भी प्रसन्न होंगे. इस दिन 57 साल बाद ग्रहों का भी ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो कई राशियों के लिए फायदेमंद भी होगा और इस दिन नए मास का प्रारंभ भी हो जाएगा. आइए जानते हैं 12 अप्रैल को होने वाले इन 5 महत्वपूर्ण इवेंट के बारे में…
हनुमान जन्मोत्सव 2025
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है. इस दिन विधि विधान के साथ हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और शत्रुओं, भूत-प्रेत व नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति भी मिलती है. मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन हनुमानजी का व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामना भी पूरी होती है. हालांकि साल में 2 बार हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है, कुछ जगहों पर चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है तो कुछ जगहों पर कार्तिक पूर्णिमा को.
चैत्र पूर्णिमा 2025
12 अप्रैल को हनुमान जयंती के अलावा चैत्र पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में चैत्र पूर्णिमा का काफी आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है और इस दिन को चैत्र पूर्णिमा या चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है और कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है. पूर्णिमा तिथि के दिन पवित्र नदी में स्नान करने और पितरों के नाम का दान और तर्पण करने से नाराज पितर भी प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से राहत भी मिलती है. इस दिन भगवान कृष्ण ने ब्रज में रास भी रचाया था, जिसे महारास भी कहा जाता है.
वैशाख स्नान प्रारंभ 2025
12 अप्रैल को वैशाख स्नान भी प्रारंभ हो जाएगा. इस बार वैशाख मास 14 अप्रैल 2025 से शुरू होगा और 13 मई 2025 तक रहेगा लेकिन 12 अप्रैल से वैशाख स्नान प्रारंभ हो जाएगा. पौराणिक मान्यता है कि वैशाख मास में हर दिन सूर्योदय से पहले पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है. इस मास के स्नान की बात करें तो यह चैत्र पूर्णिमा से वैशाख पूर्णिमा तक किया जाता है.
शनिवार का दिन
12 अप्रैल को शनिवार का दिन भी है और इस दिन शनिदेव की पूजा अर्चना करने से शनि की ढैय्या व साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव में कमी आती है और शनि दोष से राहत भी मिलती है. शनिवार के दिन हनुमान जयंती भी है इसलिए इस दिन हनुमानजी और शनिदेव की आराधना करने से सभी कष्ट व रोग दूर होते हैं और जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए यह बेहद अवसर आया है कि शनिवार के दिन ही चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती और कन्या राशि में केतु के साथ चंद्र भी मौजूद रहेंगे.
कन्या राशि में केतु और चंद्रमा
12 अप्रैल को चंद्रमा कन्या राशि में रहने वाले हैं, जहां पहले से ही छाया ग्रह केतु विराजमान हैं. कन्या राशि में केतु और चंद्रमा की युति बन रही है, जिससे कुंडली में चंद्र-केतु योग या पिशाच योग का निर्माण होता है. 12 अप्रैल को बन रहा यह योग कई राशियों को शुभ फल देगा तो कुछ राशियों के लिए परेशानी भी खड़ी कर सकता है. यह योग व्यक्ति के सामाजिक जीवन के साथ साथ मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डालता है. 12 अप्रैल को कन्या राशि में बन रही केतु और चंद्रमा की युति बेहद दुर्लभ युति में से एक है.