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200 परिवारों की रोजी-रोटी खतरे में: NH-133E निर्माण में एकतरफा भूमि अधिग्रहण का विरोध, सड़क के दोनों तरफ समान विस्तार की मांग, आपत्ति दर्ज कराया – Banka News



अधिकारीयों से मिलते स्थानीय लोग

बांका में भागलपुर-हंसडीहा राष्ट्रीय राजमार्ग 133ई के निर्माण को लेकर विवाद गहरा गया है। रजौन, चकसफिया और किफायतपुर मौजा के निवासियों ने अधिसूचना संख्या 2059 का विरोध किया है। इस अधिसूचना में सिर्फ सड़क के पश्चिमी हिस्से की जमीन का अधिग्रहण प्रस्तावित

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50 साल से इस जमीन पर निवास कर रहे स्थानीय लोग

स्थानीय लोग पिछले 50 साल से इस जमीन पर निवास कर रहे हैं। उनके पक्के मकान और दुकानें हैं। अंचलाधिकारी द्वारा कुछ जमीनों का बंदोबस्त किया गया है। निवासी नियमित रूप से लगान, बिजली बिल और अन्य कर जमा करते हैं। उनके सभी सरकारी दस्तावेज इसी पते पर हैं। इसके बावजूद सर्वेयर ने इन जमीनों को खोरिया, सरकारी या परती बताया है।

सड़क का एलाइनमेंट बदला गया

स्थानीय लोगों का आरोप है कि 9 मई 2025 को प्रकाशित गजट में सड़क का एलाइनमेंट बदल दिया गया। कनीय अभियंता मनोज कुमार राणा पर अपने रिश्तेदारों के घर बचाने के लिए एलाइनमेंट को पश्चिम की ओर शिफ्ट करवाने का आरोप है। रजौन बाजार में सड़क के पूर्वी हिस्से को कोई नुकसान नहीं हुआ, जबकि पश्चिमी हिस्से में भारी नुकसान की संभावना है।

दोनों ओर समान रूप से विस्तार की मांग

प्रभावित लोगों ने मांग की है कि सड़क का विस्तार वर्तमान सड़क के मध्य से दोनों ओर समान रूप से किया जाए। वर्तमान योजना से पश्चिमी क्षेत्र के लगभग 200 परिवारों के विस्थापित होने की आशंका है। लोगों ने पुनर्वास और आजीविका की व्यवस्था को लेकर भी चिंता जताई है।

लोगों ने लगाया आरोप

लोगों ने आरोप लगाया कि विभाग के कुछ भ्रष्ट पदाधिकारियों ने एकतरफा निर्णय लेकर एलाइनमेंट बदल दिया। सड़क निर्माण में सिर्फ एक तरफ के लोगों को नुकसान पहुंचाना अन्याय है। विभाग से मांग की गई कि जांच कमेटी गठित कर आपत्तियों की जांच की जाए और न्यायोचित निर्णय लिया जाए।

रजौन बाजार में फ्लाईओवर निर्माण की भी मांग की गई है ताकि व्यवसायिक परिसरों को कम से कम नुकसान हो। पूर्व में इस संबंध में स्थानीय सांसद और रजौनवासियों ने विभाग को पत्र भी दिया है। लोगों ने आग्रह किया कि सड़क के दोनों ओर समान रूप से जमीन अधिग्रहण कर चौड़ीकरण किया जाए ताकि पुनर्वास की बड़ी समस्या से बचा जा सके।



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