ललिता नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन 42 कालेज में करोड़ों रुपए से ऑटोमेशन हुआ था। इसकी कागजात नहीं मिल रहे है। संचिका के लिए महालेखाकार की टीम कुलसचिव डॉक्टर अजय कुमार पंडित पर दबाव बनाए हुए है। LNMU में पिछले 5 महीने से ऑडिट का काम जारी है।
.
महालेखाकार की टीम ने विश्वविद्यालय के विभिन्न मदों में हुए भुगतान की जांच कर रही है। कुछ बंदुओं पर उसने कड़ी आपत्ति जताई है। विश्वविद्यालय ने इन आपत्तियों में से कुछ का समाधान ललित नारायण कर दिया है। लेकिन, कुछ का नहीं किया है। मगर मामला फंस गया है।
वित्त पदाधिकारी ने दिया इस्तीफा
कॉलेजों में हुए ऑटोमेशन काम के भुगतान को लेकर बीते मंगलवार को अंकेक्षण टीम के सदस्य कुलसचिव कार्यालय में गए और संचिकाओं की मांग की। कहा जा रहा है कि अंकेक्षण टीम ने कुलसचिव से यह भी पूछा कि संचिका गायब है, तो आपने संबंधित पदाधिकारी और सहायक के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज कराई। वित्त पदाधिकारी ने इस्तीफा दिया है।
संचिकाएं किसके पास है, किसी को नहीं पता है। लेकिन, संचिकाओं को विभिन्न कार्यालयों में टटोला जा रहा है। संचिका क्यों गायब हुई, कैसे गायब हुई, अगर है, तो कहां है, किसी को नहीं पता है। लेकिन, कुलपति का आदेश है कि बुधवार को भी छुट्टी के बाद भी वित्त शाखा में कर्मचारी डटे रहें।
एलएनएमयू की फाइल फोटो।
पिछले पांच महीने से चल रही ऑडिट
बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर महालेखाकार बिहार की अंकेक्षण दल पिछले 22 अप्रैल से विश्वविद्यालय के वित्तीय वर्ष 2022- 23, 2023-24 की ऑडिट कर रही है। इस टीम में वरिष्ठ ऑडिट अधिकारी आलोक कुमार के नेतृत्व में चितरंजन कुमार, बबलू कुमार, उमा शंकर तिवारी और रंजीत कुमार शामिल हैं।
कुलसचिव डॉक्टर अजय कुमार पंडित ने 20 अप्रैल 2024 को सभी विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभाग, सभी पदाधिकारी, समेत अंगीभूत कालेजों के सभी प्रधानाचार्यों के नाम पत्र जारी करते हुए कहा था कि आडिट की टीम वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 की ऑडिट शुरू कर रही है। इसके लिए विभाग से संबंधित सभी अभिलेख तैयार रखें।
ऑडिट के लिए 23 तरह के कागजात तैयार रखने को कहा गया था। इसमें बजट प्रस्ताव फाइल, आवंटन और व्यय रिपोर्ट इसके नियंत्रण रजिस्टर के साथ, अनुदान स्वीकृति पत्र, आवंटन पत्र, बिल बुक, परिचित रोल, बैंक विवरण के अलावा अन्य चीजों की मांग की गई थी।
पिछले 5 महीने से चल रहा है ऑडिट का काम
कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 का ऑडिट पिछले 5 महीने से चल रहा है। इस वित्तीय वर्ष में ऑटोमेशन संबंधित पद में कोई खर्च नहीं हुआ है।