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NEET UG रिजल्ट में आज फिर हाई कोर्ट में सुनवाई: पिछली बार NTA ने मांगा था समय; स्टूडेंट्स की रि-एग्जाम पर नजर – Indore News


NEET UG रिजल्ट मामले में गुरुवार (29 मई) को हाई कोर्ट में फिर सुनवाई होगी। आज की सुनवाई पर 2 हजार से ज्यादा प्रभावित स्टूडेंट्स की नजर है। वे यह देख रहे हैं कि उन्हें रि-एग्जाम का मौका मिलेगा या नहीं। 26 मई को हुई सुनवाई में NTA की ओर से सॉलिसिटर जनर

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26 मई को सुनवाई से पहले NTA ने जांच समिति बनाने को कहा था, एक रिपोर्ट भी दी थी। कोर्ट में 3.30 बजे सुनवाई होना तय हुआ था, लेकिन इससे पहले ही NTA की ओर से भारत के सॉलिसिटर वर्चुअल अपीयर हुए और हाईकोर्ट से समय मांगा था। बता दें कि NEET UG का रिजल्ट 14 जून को आना संभावित है। NTA ने पहले जवाब पेश किए जवाब में कहा था कि इंदौर के 24 सेंटर पर परीक्षा प्रभावित हुई है। लेकिन 26 मई को पेश किए जवाब में कहा कि इंदौर के 18 और उज्जैन के 6 सेंटर पर परीक्षा प्रभावित हुई थी। इन सेंटर पर 2 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए थे। इंदौर से इस बार 27 हजार स्टूडेंट्स ने NEET UG परीक्षा दी है। इसके लिए इंदौर में 49 सेंटर बनाए गए थे।

इंदौर-उज्जैन की करीब 60 याचिकाएं

याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि NEET UG मामले में इंदौर-उज्जैन की करीब 60 याचिकाएं हो गई हैं। इंदौर में दो घंटे तक लाइट गुल रही थी। जबकि उज्जैन में 40 से 45 मिनट तक बिजली बाधित हुई थी। हमने हाई कोर्ट से मांग की है कि इन सेंटर में से जो बच्चे चाहें उन्हें दोबारा मौका दिया जाए। जिससे छात्रों को सही मौका मिल पाए और वे अपनी क्षमता का परिचय दे सकें।

एनटीए की ओर से जवाब देते हुए मेहता ने कहा था कि हमने बहुत ही अच्छे और शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा का आयोजन किया है। इस पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ताओं के वकील मृदुल भटनागर ने कहा था कि ये परीक्षा साधारण परीक्षा नहीं है, इसमें अनकट पावर सप्लाई देना थी, उसमें ये फेल हुए हैं।

NTA ने अपने जवाब में ये बात मानी भी है कि कई सेंटर पर 10 मिनट से 1 घंटे 10 मिनट तक बिजली आपूर्ति बाधित रही है। NTA ने यह भी कहा कि हम एक कमेटी बनाकर ये निर्णय लेंगे कि हमें दोबारा परीक्षा कराना है या नहीं कराना है। आगे की पूरी प्रक्रिया कमेटी तय करेगी। इसके लिए NTA ने 26 मई तक का समय मांगा था।

पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने रोक लगाई थी

26 मई को NTA ने हाई कोर्ट में जवाब पेश किया था। कोर्ट ने 15 मई को NEET UG के रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। मामले में 24 से ज्यादा सेंटरों से जुड़े स्टूडेंट्स प्रभावित हुए हैं, इनकी मांग है कि रि-एग्जाम कराया जाए। उज्जैन में भी ऐसी स्थिति बनी थी। वहां के भी 5 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। सभी स्टूडेंट्स ने काफी मेहनत की है। इनमें से कई तीन-चार अटेम्ट वाले हैं।

पिछली सुनवाई में NTA ने पेश किया था जवाब

पिछली सुनवाई में एनटीए ने जवाब में बताया था कि हमने बहुत शांतिपूर्ण वातावरण और बिना किसी असुविधा के एग्जाम कराया था। साथ ही यह माना कि एग्जाम के दौरान कई सेंटर पर 10 मिनट से एक घंटे तक लाइट नहीं थी। वहां हमने कैंडल और जनरेटर के माध्यम से लाइट की व्यवस्था की थी। चूंकि समर सीजन में परीक्षा आयोजित हुई थी। पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था थी इसलिए कोई असुविधा नहीं हुई जबकि याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट भटनागर का कहना है कि ऐसे करीब 25 सेंटर ऐसे हैं जहां पर बच्चों का एग्जाम प्रभावित हुआ है।

तब NTA की यह थी दलील

मामले में 26 मई को सुनवाई में NTA की ओर से जवाब देने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे। उन्होंने हाईकोर्ट के समक्ष NTA का पक्ष रखते हुए कहा था कि यदि पूरा रिजल्ट रोका गया तो सैकड़ों छात्र प्रभावित होंगे। NTA ने अपने जवाब में कहा था कि बिजली गुल होने से प्रभावित 11 सेंटर की रिपोर्ट पर 2 दिन में जवाब पेश कर देंगे। तब हाईकोर्ट ने NTA, बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्र को नोटिस जारी किए थे। इन सभी को 30 जून तक जवाब पेश करना होगा। 4 मई को मध्यप्रदेश के 30 शहरों में हुई इस परीक्षा में करीब ढाई लाख छात्र शामिल हुए थे। कोर्ट ने NTA की रिक्वेस्ट पर 11 सेंटरों को छोड़ बाकी जगहों का रिजल्ट जारी करने की अनुमति दे दी थी। लेकिन मामले में लगातार प्रभावित छात्रों की संख्या और याचिका बढ़ती जा रही है। अब तक करीब 24 सेंटरों के छात्रों के प्रभावित होने की बात सामने आई है।

24 केंद्रों की बिजली चली गई, अंधेरा छा गया

इंदौर में 49 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जहां लगभग 27 हजार छात्रों ने परीक्षा दी। परीक्षा के दौरान अचानक मौसम बदल गया। तेज बारिश और करीब 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चली आंधी ने पूरे शहर की बिजली व्यवस्था ठप कर दी। इसके चलते करीब 24 सेंटरों की बिजली चली गई और परीक्षा केंद्रों में अंधेरा छा गया।

पेपर तक नहीं पढ़ पा रहे थे, मोमबत्ती जलाई

बिजली गुल होने की वजह से कई छात्रों को मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पेपर देना पड़ा। घना अंधेरा होने के कारण बहुत से छात्र प्रश्नपत्र तक ठीक से पढ़ नहीं पाए। परीक्षा के बाद कई छात्र रोते हुए बाहर निकले। प्रभावित अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने पूरी मेहनत से तैयारी की थी, लेकिन खराब व्यवस्था ने उनका भविष्य संकट में डाल दिया।

यह पहला मौका था जब NTA ने शहर के सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए थे। यहां पावर बैकअप का कोई इंतजाम नहीं था। दूसरी परेशानी यह भी है कि नीट के अलावा मेडिकल, नर्सिंग, वेटरनरी, होम्योपैथी, आयुर्वेदिक कॉलेजों में एडमिशन का विकल्प नहीं है। छात्रों का पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।

उज्जैन में भी बिजली गुल होने पर हुआ था हंगामा

उज्जैन के शासकीय माधव महाविद्यालय में नीट यूजी परीक्षा के दौरान बिजली गुल हो गई थी। इसके बाद छात्रों और अभिभावकों ने हंगामा किया। रूम नंबर-212 के परीक्षार्थियों का आरोप था कि लाइट जाने के बाद अन्य कमरों में तो अतिरिक्त समय दिया गया, लेकिन उन्हें कोई अतिरिक्त समय नहीं मिला, जबकि उनका पेपर भी देरी से शुरू हुआ था। अब मामले में उज्जैन के भी 5 से ज्यादा पीड़ित स्टूडेंट्स हैं जिन्होंने याचिकाएं लगाई हैं।

जानिए 4 से 26 मई तक कैसे बढ़ीं याचिकाएं और स्टूडेंट्स की संख्या

  • 4 मई 2025 को तेज आंधी और बारिश के कारण इंदौर में बिजली गुल होने और वैकल्पिक व्यवस्था न होने से NEET UG के 11 सेंटरों के स्टूडेंट्स की परीक्षा प्रभावित हुई थी। तब ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या करीब 600 थी। तब कई सेंटरों के प्रभावित स्टूडेंट्स ने अपनी-अपनी पीड़ा बताकर अव्यवस्था के खिलाफ जमकर आक्रोश जताया था।
  • 15 मई को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें 15 से ज्यादा याचिकाएं शामिल थीं। तब हाई कोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इसमें NTA को 19 मई तक जवाब पेश करना था।
  • 19 मई को NTA की ओर से जवाब पेश किया गया। जिसमें बताया कि सभी सेंटरों पर बिजली की पर्याप्त व्यवस्था थी। साथ ही यह भी माना कि कई सेंटरों पर 10 मिनट से एक घंटे तक लाइट नहीं थी। याचिकाकर्ता के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया था कि ऐसे करीब 25 सेंटर हैं। दूसरी ओर NTA ने माना था कि ऐसे 24 सेंटर हैं। तब तक याचिकाकर्ताओं की संख्या 15 से ज्यादा हो गई।
  • 22 मई को हाई कोर्ट ने फिर सुनवाई की तब याचिकाकर्ता की संख्या 50 से ज्यादा हो गई। इनमें उज्जैन की 5 से ज्यादा याचिकाएं थीं। NTA की ओर से भारत सरकार के सॉलिसिटर तुषार मेहता पेश हुए और कहा कि इंदौर से जुड़े 24 सेंटरों के स्टूडेंट्स के मामले में एक कमेटी गठित की जाए। इस पर सुनवाई की अगली तारीख 26 मई तय की गई।
  • 26 मई को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ताओं की संख्या 60 हो गई जबकि प्रभावित स्टूडेंट्स की संख्या 2 हजार से ज्यादा हो गई। कोर्ट ने अगली तारीख 29 मई को तय की।
  • 29 मई की सुनवाई में प्रभावित स्टूडेंट्स और उनके परिजन की नजर है कि आखिर गठित होने वाली कमेटी को क्या डायरेक्शन दिए जा सकते हैं या कोई रि-एग्जाम का आदेश होता है।



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