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The debate between Bollywood and South Indian cinema started again | फिर छिड़ी बॉलीवुड और साउथ इंडियन सिनेमा की बहस: नागा वामसी ने की बॉलीवुड पर टिप्पणी; बोनी कपूर, हंसल मेहता समेत कई फिल्ममेकर्स ने जताई नाराजगी


6 मिनट पहले

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बॉलीवुड और साउथ इंडियन सिनेमा के बीच की बहस एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गई है। हाल ही में एक राउंडटेबल डिस्कशन के दौरान बॉलीवुड के दिग्गज प्रोड्यूसर बोनी कपूर और तेलुगू प्रोड्यूसर नागा वामसी के बीच तीखी बहस ने इस मुद्दे को हवा दी।

डिस्कशन के दौरान नागा वामसी ने कहा कि बॉलीवुड की फिल्में ज्यादातर एलीट एरिया जैसे बांद्रा और जुहू के लिए बनाई जाती हैं। वहीं, साउथ इंडियन सिनेमा ने बॉलीवुड को नई सोच दी है।

इस पर बोनी कपूर ने तुरंत जवाब देते हुए कहा, ‘हिंदी सिनेमा की अपनी पहचान है और इसने भारतीय सिनेमा को आकार देने वाली आइकॉनिक फिल्में दी हैं। साउथ की फिल्मों का प्रभाव सराहनीय है, लेकिन बॉलीवुड के योगदान को नजरअंदाज करना ठीक नहीं।’

वामसी के बयान और बोनी कपूर के रिएक्शन के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। इस पर कई बड़े फिल्ममेकर्स ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी।

फिल्ममेकर हंसल मेहता ने वामसी के बयान को लेकर गुस्सा जाहिर करते हुए उसे अहंकारी और बॉलीवुड को कमतर समझने वाला बताया। हंसल ने X पर लिखा, ‘इस व्यक्ति, श्री नागा वामसी, का रवैया बहुत ही अहंकारी था। अब जब पता चला कि वह कौन हैं, तो उनकी हालिया हिट फिल्म ‘लकी भास्कर’ ने ‘स्कैम’ सीरीज से काफी प्रेरणा ली है।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं ये मुद्दा इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मुझे खुशी है कि कहानियां एक जगह से दूसरी जगह जाती हैं और एक अलग भाषा में बनी फिल्म भी हमारी सफलता को अपना बनाती है। आखिरकार, सभी जीतते हैं। कोई भी दूसरे से बड़ा नहीं होता। यह सोच बेहद नुकसानदायक है। अहंकार तो और भी खतरनाक होता है।’

अपने सोशल मीडिया हैंडल पर, हंसल मेहता ने नागा वामसी का एक क्लिप शेयर किया, जिसमें वामसी कह रहे थे कि मुंबई के सभी लोग रातभर जागे रहे होंगे जब ‘पुष्पा’ ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 80 करोड़ की कमाई की। इस वीडियो के साथ फिल्ममेकर ने लिखा, ‘चिल कर यार, जो भी हो। मैं मुंबई में रहता हूं, बड़ी अच्‍छी नींद ले रहा हूं।’

उनके पोस्ट को रि-पोस्ट करते हुए, सिद्धार्थ आनंद ने लिखा, ‘मुंबई हमेशा से वो शहर जो कभी नहीं सोता’। लगता है कुछ लोगों को हमारी असली मुंबई नहीं पता और एक बात, ‘मैं सच में केवल बांद्रा और जुहू दोनों ही जगहों पर रहा हूं।’

डायरेक्टर संजय गुप्ता ने ट्वीट किया, ‘ये कौन है, जो बोनी जी जैसे सीनियर प्रोड्यूसर के साथ बैठकर अपनी झूठी अहमियत दिखा रहा है? इसका बॉडी लैंग्वेज और घिनौना रवैया देखो। 4/5 हिट्स देने से ये बॉलीवुड के बाप नहीं बन जाते, और न कभी बनेंगे।’

इंटरनेट पर लोगों ने इस मुद्दे पर खूब चर्चा की। कुछ लोग वामसी से सहमत दिखे और बोले कि साउथ सिनेमा ने सच में नई एनर्जी दी है। वहीं, कई लोग उनकी टोन को घमंडी मानते हुए बोले कि हर इंडस्ट्री का सम्मान करना चाहिए। इंडियन सिनेमा नॉर्थ और साउथ का मुकाबला नहीं है।

नागा वामसी की सफाई

बैकलैश बढ़ने पर नागा वामसी ने सफाई देते हुए कहा, ‘मेरी बातों का मकसद बोनी जी या बॉलीवुड का अपमान करना नहीं था। यह हेल्दी डिस्कशन था और इंटरव्यू के बाद हमने हंसते हुए एक-दूसरे को गले लगाया।’ उन्होंने बॉलीवुड की लेगेसी की तारीफ की, लेकिन अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि साउथ सिनेमा का प्रभाव बढ़ा है।

बॉलीवुड v/s साउथ सिनेमा की बहस नई नहीं है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसने जोर पकड़ा है। ‘बाहुबली’, ‘RRR’ और ‘पुष्पा’ जैसी साउथ की फिल्में न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ रही हैं, बल्कि नई कहानी और विजुअल इफेक्ट्स के लिए भी तारीफ बटोर रही हैं।

बॉलीवुड पर अक्सर रीमेक और फॉर्मूला बेस्ड फिल्मों पर ज्यादा ध्यान देने का आरोप लगता है। अब ऑडियंस नई और उनकी जिंदगी से जुड़ी कहानियां देखना पसंद कर रहे हैं, और साउथ की फिल्में इस मामले में आगे हैं।

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