‘मेरे दो बेटों अमन (19) चमन (16) की हत्या कर दी गई है। चमन को इंजीनियर बनाना चाहते थे और अमन को डॉक्टर। दोनों को साजिश के तहत मार दिया गया।’
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पिता विपिन कुमार चौधरी इतना बोलते-बोलते काफी भावुक हो गए। मंगलवार को दोनों बेटों की एक साथ अर्थी उठी। ये देखकर मां ललिता देवी बेहोश हो गईं। अयोध्या गंगा घाट पर 12 साल के चचेरे भाई आदर्श ने मुखाग्नि दी।
अंतिम संस्कार होने तक गांव के 50 घर में चूल्हा नहीं जला।
दरअसल, चचेरे भाई भाई विवेक (30) से अमन का विवाद था। अमन जब 17 साल का था तो उसने एक बाइक लेनी की सोची थी, पर नाबालिग होने के कारण नहीं ले पा रहा था। इसलिए अमन ने विवेक के नाम पल्सर बाइक लोन पर खरीदी थी। पॉकेट खर्चे से वो ईएमआई चुकाता था।
एक साल पहले विवेक ने अमन से कहा कि बाइक मेरी है, मुझे दे दो। जितना तुमने लोन भरा है, उतना मैं तुम्हें दे दूंगा, पर विवेक ने वो रुपए नहीं लौटाए। इसी बात पर विवाद हो गया। 20 अप्रैल को पैसे देने की बात कहकर विवेक ने अमन को बुलाया था।
अमन अपने छोटे भाई चमन के साथ 25 किमी दूर तिलरथ विवेक के घर गया। वहीं विवेक ने दोनों की हथौड़े से मारकर हत्या कर दी और लाश को ठिकाने लगा दिया। 21 अप्रैल को प्लास्टिक में लिपटी हुईं 2 लाशें मिलीं थी। घटना बेगूसराय के हरपुर रेलवे ढाला के पास नवनिर्मित वास्तु विहार के पास की है।
घर से एक साथ दोनों भाइयों की उठी अर्थी।
पिता विपिन चौधरी ने कहा,
20 अप्रैल की सुबह 10:00 बजे अमन अपनी स्विफ्ट डिजायर कार से निकला था, छोटा बेटा भी साथ में था। दोनों डिजायर लेकर दोस्त सुधांशु के घर हसनपुर पहुंचे। दोस्तों से कहा कि बकाया पैसा मांगने जा रहे हैं। काफी देर बाद भी जब वापस नहीं लौटा तो मैंने फोन किया, उसने कहा था वीरपुर में हूं। 2:41 बजे के बाद उससे बात नहीं हुई, मोबाइल जब बंद हो गया तो खोजबीन शुरू की। 21 अप्रैल को गुमशुदगी का आवेदन लेकर तेयाय ओपी गए तो वहां कहा गया कि तेघड़ा थाना जाइए। इस प्रक्रिया में लगे ही थे कि सूचना मिली कि आपके दोनों बेटों की लाशें मिलीं हैं, जल्दी सदर अस्पताल पहुंचे।
अमन ने जमीन के लिए भी दिए थे 1.20 लाख रुपए
अमन और चमन के मौसा रमेश ने कहा कि ‘अमन बराबर विवेक के चाणक्य नगर आवास पर आता था। विवेक ने अपने ससुराल के सहयोग से तिलरथ में घर बनवाना शुरू किया था। अमन वहां भी आते-जाते रहता था। इस बीच विवेक ने अमन को जमीन की खरीद-बिक्री में पैसा लगाने के लिए लालच दिया। अमन ने 1.20 लाख रुपए लगाए थे, लेकिन इसका फायदा अमन को नहीं मिल रहा था। विवेक ने 1.20 लाख रुपए भी नहीं लौटाए।
जमीन के पैसे के लिए अमन को ज्यादा चिंता नहीं थी, पर वो चाहता था कि बाइक में लगे रुपए उसे मिल जाए। 20 अप्रैल को अमन ने रुपए के लिए फोन किया तो विवेक ने उसे अपने पास बुलाया।’
पोस्टमॉर्टम के बाद एंबुलेंस से लाई गई लाशें, 5 मिनट अंतिम दर्शन के बाद उठी अर्थी।
पहले छोटे भाई, फिर बड़े भाई को मारा
विवेक ने दोनों की हत्या के लिए पहले प्लानिंग की। दरअसल, विवेक अकेला था और उसके दुश्मन दो थे। इसलिए विवेक ने चाल चली।
विवेक ने स्नैक्स लाने के बहाने अमन को घर से बाहर भेज दिया। घर में विवेक और चमन ही थे। अमन के बाहर जाने के बाद चमन बाथरूम की तरफ जा रहा था। पीछे से विवेक ने हथौड़े से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। जब उसकी मौत हो गई तो उसकी लाश को दूसरे कमरे में ले जाकर रख दिया। शव को चादर से ढंक दिया।
चमन की हत्या के बाद अमन स्नैक्स लेकर घर पहुंचा। वो अपने भाई चमन के बारे में विवेक से पूछने लगा। विवेक ने कहा चमन दूसरे कमरे में है। अमन उसी कमरे में जाने लगा। इसी बीच पीछे से विवेक ने उसपर भी हथौड़े से हमला कर दिया। उसकी हत्या कर दी। जानकारी सोमवार को एसपी मनीष ने दी है।
हत्या में शामिल सामान अलग-अलग जगहों पर फेंका
विवेक ने हत्या में शामिल सामान को अलग-अलग जगहों पर ठिकाने लगाए। अमन और चमन जिस बाइक से आए थे उसे और हथौड़े को वास्तु विहार के बगल में एक गड्ढे में फेंका। खून से सना हुआ कंबल, चादर और तकिया एक बैग रखा और तिलरथ से 4 किमी दूर चाणक्य नगर वाले घर के लिए निकला। रास्ते में लोहिया नगर के पास डंपिंग यार्ड में बैग को फेंक दिया।
सामान को ठिकाने लगाने के बाद दोनों भाई के शवों को कार से ठिकाने लगाया। घटनास्थल से 200 मीटर दूर वास्तु विहार के प्लास्टिक में लपेट कर फेंक दिया। उस वक्त रविवार की रात 3 बज रहे थे। एक सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिला है। जिसके आधार पर ये खुलासा हुआ।
अमन और चमन की मां बेटे की लाशें देखकर बेहोश हो रहीं थीं।
विवेक ने पुलिस को काफी कन्फ्यूज किया
सोमवार शाम पुलिस ने अमन के दोस्त को पूछताछ के लिए पकड़ा, लेकिन वो निर्दोष निकला। जिसके बाद पुलिस की स्पेशल टीम ने मोबाइल सर्विलांस सहित कई बिंदुओं पर जांच की तो पता चला आखिरी बात विवेक से हुई थी। पुलिस ने विवेक को चाणक्य नगर वाले घर से पकड़ा।
पहले विवेक पुलिस को घुमा रहा था। बाद में जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने हत्या की पूरी कहानी बताई। उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी विवेक के पिता पोस्ट ऑफिस से रिटायर हुए
गांव के लोगों का कहना था कि विवेक ने न सिर्फ अपने चाचा का घर बर्बाद किया, बल्कि वह बड़े पैमाने पर लोगों से ठगी भी कर चुका है। उसे पिता हर्ष चौधरी पोस्ट ऑफिस से रिटायर किए थे। लोगों को लगा था कि लड़का अच्छा होगा, बेगूसराय में कुछ कर रहा है, लेकिन अमरौर में जब से उसकी शादी हुई तब से वह हमेशा कुछ ना कुछ ऐसा करता रहा की लोग परेशान रहे।
अमन भी अपने चचेरे भाई के संगत में आकर कुछ गलत करने लगा था। करीब 3 साल पहले जब नाबालिग था तो हथियार के साथ पकड़ाया था। एक महीना बाल सुधार गृह में रहा था।
सोमवार को मिली थी दो लाशें
दरअसल, बेगूसराय में सोमवार दोपहर करीब 3 बजे एक खेत में प्लास्टिक में लिपटी दो लड़कों की लाश बरामद की गई थी। कुछ लोग जब खेत की ओर जा रहे थे, तभी अलग-अलग प्लास्टिक में कुछ बंधा देखा, जिससे दुर्गंध आ रही थी। प्लास्टिक से दुर्गंध की सूचना के बाद लोगों की भीड़ जुट गई और इसकी सूचना पुलिस को दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब दोनों प्लास्टिक को खोला तो दो लड़कों की लाश बरामद हुई। पूरी खबर पढ़ें