गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने 38 गोलियां चलाई थीं। इनमें से 13 गोलियां अमन को लगीं। 12 गोलियां अमन के शरीर के आरपार हो गई, जबकि एक गोली छाती के पास फंस गई थी। इसे पोस्टमार्टम के दौरान निकाला गया। पलामू के चैनपुर था
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इसी बीच मौत के करीब 34 घंटे बाद बुधवार शाम सात बजे अमन के जीजा संतोष कुमार, चचेरे भाई राजकिशोर के बेटे कृष्णा साव और दोस्त शंकर जायसवाल शव लेने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचे। चैनपुर पुलिस ने परिजनों के पहचान पत्र की पड़ताल के बाद शव उन्हें सौंप दिया।
परिजनों ने बताया कि अमन के मारे जाने की जानकारी उन्हें मीडिया के जरिए मिली। गौरतलब है कि पुलिस ने अमन के परिवारवालों को शव लेने के लिए बुलाया था। लेकिन उसके पिता ने शव लेने के लिए पलामू आने से इनकार कर दिया था। कहा था कि पुलिस ने मारा है तो पुलिस ही शव को घर पहुंचाए।
एफआईआर में दावा... छह अपराधियों ने अमन को छुड़ाने के लिए पुलिस पर किया था हमला
चैनपुर थाने में पुलिस की ओर से अमन साहू और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें 21 तरह की धाराएं लगाई गई हैं। एफआईआर में कहा गया है कि एटीएस की टीम 10 मार्च की रात 8:30 बजे अमन को लेकर रायपुर सेंट्रल जेल से रांची के लिए निकली थी। 11 मार्च की सुबह करीब 9:05 बजे अंधारी ढोडा के पास घुमावदार मोड पर छह-सात हमलावरों ने पुलिस की गाड़ी पर बम फेंका और फायरिंग की। पुलिस अमन को बचाते हुए तेजी से गाड़ी आगे ले गई।
अमन को बचाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने उसे गाड़ी से बाहर निकाला। लेकिन हमलावर हमला करते रहे। जब अमन ने पुलिस को फंसा हुआ देखा तो उसने पुलिस जवान विजय कुमार की इंसास राइफल छीन ली। अपने साथियों की ओर भाग निकला। पुलिस ने उसे रुकने की कई बार चेतावनी दी। लेकिन वह रुका नहीं, बल्कि उसने भी पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इसी दौरान हवलदार राकेश कुमार के दाईं जांघ में गोली लगी। इस दौरान उसके साथी लगातार पुलिस पर फायरिंग कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने अपराधियों पर फायरिंग शुरू की और अमन मारा गया।
अमन साहू एनकाउंटर की सीआईडी जांच भी होगीः गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर मामले की अब सीआईडी जांच भी होगी। सीआईडी पता लगाएगा कि आखिर मुठभेड़ की नौबत क्यों आई। अगर पूरे मामले में पुलिस की चूक उजागर हुई तो इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। फिलहाल राष्ट्रीय मानवाधिकार की गाइडलाइंस के अनुसार सभी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया है, जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है।