इंदौर के भिक्षुक पुनर्वास केंद्र में होली का त्योहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। हितग्राहियों ने होलिका दहन किया और एक महत्वपूर्ण संकल्प लिया। उन्होंने ‘भिक्षा नहीं, शिक्षा’ के संदेश को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
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केंद्र में रहने वाले सभी हितग्राही एक-दूसरे के साथ रंग-गुलाल खेलते हुए होली का आनंद लेते नजर आए। यह दृश्य विशेष था क्योंकि ये वही लोग हैं जो कभी भिक्षावृत्ति करते थे और जीवन में कई कठिनाइयों का सामना कर रहे थे।
अब इन हितग्राहियों ने अपने जीवन को नई दिशा दी है। भिक्षावृत्ति छोड़कर वे अब सम्मानजनक जीवन जीने की राह पर चल पड़े हैं। उनका उत्साह और जीवन को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता प्रेरणादायक है। इस पहल से न केवल उनका जीवन बदल रहा है, बल्कि वे समाज के लिए भी एक सकारात्मक संदेश दे रहे हैं।