लखनऊ4 मिनट पहले
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लखनऊ के रामकृष्ण मठ में चैतन्य महाप्रभु की जयंती और होलिकोत्सव का आयोजन धूमधाम से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलारति से हुई। स्वामी इष्टकृपानन्द ने श्री मदन मोहनाष्टकम और श्रीमद्भगवद्गीता के भक्ति योग का पाठ किया।
स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी ने विशेष सत्संग में ‘रामकृष्ण संघ की परंपरा में परिपालन’ पर प्रवचन दिया। मठ के मुख्य मंदिर में चैतन्य महाप्रभु की तस्वीर स्थापित की गई। संन्यासी, ब्रह्मचारी और भक्तगण भक्ति गीत गाते हुए मठ परिसर में नृत्य करते रहे।
ढोलक और मंजीरे की थाप पर भजन गाए गए
परंपरा के अनुसार मठ में होलिका दहन भी किया गया। स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी ने भजनों की सरगम में भक्तों को लीन किया। ढोलक और मंजीरे की थाप पर भजन गाए गए। स्वामी जी ने भक्तों को अबीर-गुलाल लगाकर होली का उत्सव मनाया।
प्रेमावतार श्री चैतन्य महाप्रभु’ पर प्रवचन हुआ
संध्या आरती के बाद स्वामी पारगानन्द के नेतृत्व में श्यामनाम संकीर्तन हुआ। स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी ने ‘प्रेमावतार श्री चैतन्य महाप्रभु’ पर प्रवचन दिया। उन्होंने बताया कि चैतन्य महाप्रभु का जन्म 1407 शक संवत के फाल्गुनी पूर्णिमा को हुआ था। कार्यक्रम के अंत में हरि लूट का आयोजन किया गया। सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस तरह दिव्य और भव्य होलिकोत्सव का समापन हुआ।