वीआईपी नंबरों की नीलामी में इस बार कोई खासा उत्साह देखने को नहीं मिला। एमपी-09 एएल-0001 बिना किसी प्रतिस्पर्धा के अपनी बेस प्राइज एक लाख में ही बिक गया। पूरी नीलामी में 54 नंबर बिके हैं, जिसमें से केवल पांच नंबरों पर दो-दो दावेदार थे। ये नंबर भी कोई
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आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि पिछले सप्ताह नीलामी खत्म हुई है, जिसमें 54 नंबर बिके हैं। 0013, 009, 4141, 7777, 8888 जैसे नंबर अपनी बेस प्राइज से ज्यादा कीमत में बिके हैं। नई व्यवस्था के तहत हर सप्ताह वीआईपी नंबरों की नीलामी होती है। प्रदेशभर में वाहनों के वीआईपी नंबरों की नीलामी ऑनलाइन की जाती है। इंदौर में कार के 0001 नंबर को लेकर प्रतिस्पर्धा रहती है।
0001 नंबर के लिए रहती है खींचतान
अब तक सबसे महंगा (MP- 09 CU-0001) नंबर 2016 में 14.01 लाख रुपए में बिका है। यह प्रदेश का सबसे महंगा नीलाम होने वाला नंबर है, वहीं 0001 सीरीज का एक नंबर 12.50 लाख रुपए में भी नीलाम हुआ है। हालांकि इस साल के प्रारंभ में हुई नीलामी में 0001 नंबर सिर्फ 20 हजार रुपए में ही बिका था।
इंदौर में नीलाम होते हैं सबसे महंगे वीआईपी नंबर
इंदौर आरटीओ में कई वीआईपी नंबर खाली हैं। लोग प्रमुख नंबरों को ले लेते हैं। बाकी वीआईपी नंबर खाली पड़े रहते हैं। अधिकारी इन नंबरों को सामान्य रूप से देने को लेकर कई बार परिवहन मुख्यालय को भेज चुके हैं। लेकिन अब तक इस पर निर्णय नहीं हो पाया।
अधिकारियों के अनुसार वैसे तो नीलामी सभी श्रेणी के वाहनों के लिए होती है, लेकिन कार के नंबरों के लिए लोग काफी उत्सुक रहते हैं। इसके अलावा, दो पहिया वाहनों के नंबर के लिए भी आवेदक बोली लगाते हैं। प्रदेशभर में सबसे अधिक नंबर इंदौर में ही बिकते हैं।
कार के नंबरों के लिए खर्च कर दिए 70 लाख 50 हजार
शहर में सुपर स्पोर्ट्स व लग्जरी कारों का क्रेज कितना है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर के एक उद्योगपति ने 70 लाख 50 हजार रुपए से ज्यादा पैसे तो सिर्फ 0001 नंबर खरीदने में ही खर्च कर दिए। उद्योगपति के पास लगभग 23 गाड़ियां हैं। इन पर सभी में 0001 नंबर रजिस्टर्ड कराया है। इंदौर के इस उद्योगपति के पास कार से लेकर एबुलेंस तक मौजूद हैं। जिसका नंबर भी 0001 है, जो उन्होंने 2 लाख रुपए में खरीदा था।