होली के ठीक बाद भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है, यह त्योहार फाल्गुन महीने की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें विशेष पकवान तैयार करतीं हैं और अपने भाईयों को तिलक कर जीवन भर रक्षा करने का अमिट संकल्प लेती हैं। इस वर्ष भाई दूज का त्योहार 1
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दोपहर 01:10 बजे से 03:22 तक सबसे शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार 13 मार्च को सुबह 10:37 बजे से पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी, जो 14 मार्च को 12:23 बजे तक रहेगी। 15 मार्च को प्रतिपदा रहेगी। ज्योतिषाचार्य डॉ नितिशा मल्होत्रा ने बताया कि द्वितीया तिथि की शुरुआत 15 मार्च दोपहर 2:33 बजे शुरू होगी, जिसका समापन 16 मार्च शाम 4:58 बजे होगा।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक हिंदू पंचांग में उदयातिथि में त्योहार मनाया जाता है, जिस कारण भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। भाई दूज का सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 01:10 बजे से दोपहर 03:22 बजे तक रहेगा।
जिनके भाई न हो वो अपने ईष्ट भगवान को करें तिलक शुभ मुहूर्त में तिलक करने से भाई को दीर्घायु होने का लाभ मिलेगा। जिनके भाई नहीं है वह अपने ईष्ट भगवान को तिलक कर सकती हैं। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक भाई दूज के दिन बहन के घर जाकर भोजन करने से अकाल मृत्यु का दोष खत्म होता है। साथ ही भाई के तिलक करने के दौरान नारियल और मीठा रखें, जिससे उनकी सारी कठिनाइयां दूर होतीं हैं और भाइयों की दीर्घायु होती है।
भाई दूज को क्यों कहते हैं यम द्वितीया पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन यमलोक के देवता यमराज ने अपनी बहन यमुना के घर जाकर टीका लगवाया था और भोजन किया था। भोजन के बाद यमराज ने अपनी बहन को आशीर्वाद दिया था, कि इस दिन जो भाई अपनी विवाहित बहन के घर जा कर टीका करवाएगा और भोजन करेगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। कहते हैं कि तभी से भाईयों का बहन के घर जा कर टीका लगवाने की परंपरा शुरू हुई।