आधुनिक तकनीकों से तैयार किया गया है पंडाल।
प्रयागराज के महाकुंभ में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) ने एक अभूतपूर्व पहल की शुरुआत की है। संस्थान ने पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिक उत्थान को जोड़ते हुए एक विशेष अभियान शुरू किया है।
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संस्थान ने संगम की रेती पर एक इको-फ्रेंडली पंडाल स्थापित किया है, जो पूरी तरह से बांस, जूट और ताड़ के पत्तों से निर्मित है। यहां सिंगल-यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध है। 15 जनवरी से 16 फरवरी तक चलने वाले इस 33 दिवसीय कार्यक्रम में 504 से अधिक प्रशिक्षित ब्रह्मज्ञानी वेदपाठी लगातार मंत्रोच्चारण कर रहे हैं।
विशेष बात यह है कि 432 हर्ज की आवृत्ति पर कुल 25,61,328 मंत्रों का जाप किया जाएगा। इस अनूठे प्रयास से संस्थान एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने की योजना बना रही है।
3D और VFX तकनीक से महाकुंभ का अनुभव
आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल करते हुए पंडाल में वर्चुअल रियलिटी (VR) जोन बनाया गया है, जहां श्रद्धालु 3D और VFX तकनीक के माध्यम से महाकुंभ और पौराणिक कथाओं का आभासी अनुभव ले सकते हैं।
33 दिनों के दौरान 150 से अधिक विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कथाएं, कार्यशालाएं, यज्ञ, युवा उत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। संस्थान को इस दौरान देश-विदेश से लगभग 15-20 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
कई सोशल मीडिया इंफ्लुएंशर्स भी जुड़े
इस महाकुंभ में देश और विदेश की कई जानी-मानी हस्तियां भाग लेंगे। इनमें प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, अभिनेता व सांसद रवि किशन, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, मशहूर गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, अभिनेता सौरभ राज जैन, लेखक संजीव सान्याल, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर साइको शायर (अभि मुंडे), और राजनीतिक विश्लेषक शांतनु गुप्ता शामिल हैं।साध्वी डॉ निधि भारती के मुताबिक, ये आयोजन आध्यात्मिकता, आधुनिकता और पर्यावरण संरक्षण के आदर्श को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का यह प्रयास महाकुंभ को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के साथ-साथ भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को वैश्विक मंच पर उजागर करेगा।