चंडीगढ़ निगम सदन की बैठक में आज वित्तीय सकंट पर विपक्ष करेगी घेराव।
चंडीगढ नगर निगम की सदन की बैठक आज है जिसमें वित्तीय संकट को लेकर हंगामा होने के आसार है क्योंकि विपक्ष यानि आप और कांग्रेस दोनों प्रॉपटी टैक्स पूरा वापस लेने की मांग पर अड़े हुए है। उनका कहना है कि कम करना था तो पूरा करना था प्रॉपटी टैक्स कम करने को
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चंडीगढ़ नगर निगम की वित्तीय स्थिति इतनी खराब हो गई है कि नए काम की तो बात छोडि़ए, पहले से पास हुए कई विकास प्रोजेक्ट भी अटके पड़े हैं। अप्रैल 2024 में निगम के बैंक खाते में खर्च के लिए कुल 32.81 करोड़ रुपए मौजूद थे। जो मार्च 2025 तक 278.58 करोड़ रुपए के घाटे में बदल गया। 1 अप्रैल 2025 को इसी घाटे से निगम का नया बजट शुरू हुआ। निगम कर्मचारियों की वेतन, वेजिज, पेंशन व मेडिकल बिलों पर सालाना करीब 715.30 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिससे सिर्फ 45.86 करोड़ रुपए बचेंगे। उसमें भी बिजली बिल 156.10 करोड़ और माइनर वर्क 156.85 करोड़ का प्रबंधन नहीं हो सकेगा।
नगर निगम ने मनीमाजरा पॉकेट-6 की 7.37 एकड़ जमीन रेजिडेंशियल用途 के लिए नीलाम करने की तवज्जो दी है। इससे निगम को 200–250 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। यदि यह राशि जुट गई, तो बिजली बिल और माइनर वर्क के साथ नए विकास प्रोजेक्ट भी शुरू हो सकेंगे, अन्यथा निगम आर्थिक तंगी में उलझा रहेगा।
2025–26 का बजट और उपलब्ध संसाधन
ग्रांट इन एड: 625 करोड़
नगर निगम रेवेन्यू: 414.76 करोड़
कुल बजट: 1,039.76 करोड़
पहले साल का घाटा: 278.58 करोड़
घाटा समायोजन के बाद बजट: 761.16 करोड़
रुक गए प्रमुख विकास कार्य
सड़कों की रिकार्पेटिंग: 50 करोड़ का अनुमानित बजट पास, डीएनआईटी अभी तक नहीं बनी।
2 नए कम्युनिटी सेंटर: सेक्टर-24 (12 करोड़) व सेक्टर-51 (25 करोड़) पर टेंडर फंड न होने से नहीं लगे।
पुराने सेंटर का रेनोवेशन: सेक्टर-29 (6 करोड़) व ठाकुरद्वारा मनीमाजरा (7 करोड़) का काम अटका।
ठेकेदारों को बकाया भुगतान: 4 करोड़ रिकार्पेटिंग, 7 करोड़ पब्लिक हेल्थ, 10 करोड़ स्टॉर्म वाटर अपग्रेडेशन पर भुगतान लंबित।
निगम की अपनी आमदनी के मुख्य स्रोत
पानी–सीवर बिल: 160 करोड़
कॉमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स: 66 करोड़
गारबेज कलेक्शन चार्जेज: 33 करोड़
पार्किंग फीस: 25 करोड़
रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स: 19 करोड़
अन्य रिसिप्ट: 100.76 करोड़