छत्तीसगढ़ की सबसे महंगी सब्जी अब बाजार में आने लगी है। कोंडागांव में बारिश की पहली फुहारों के बाद साल वृक्षों के नीचे से बोड़ा सब्जी निकलनी शुरू हो गई है। यह जंगली सब्जी साल में केवल एक बार मिलती है। इस सीजन का पहला बोड़ा बाजार में पहुंचा। एक पायली (
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बोड़ा की विशेषता इसका अनूठा स्वाद और महक है। शाकाहारी लोग इसे पनीर से ज्यादा पसंद करते हैं। मांसाहारी इसे चिकन से बेहतर मानते हैं। यह साल के पेड़ों के नीचे मिट्टी से स्वाभाविक रूप से उगती है। पड़ोसी राज्य के लोग भी इसे खरीदने आते है।
पूरे साल इस सब्जी का इंतजार करते है आदिवासी
बस्तर की आदिवासी संस्कृति में बोड़ा का विशेष महत्व है। लोग पूरे साल इस सब्जी का इंतजार करते हैं। यह स्थानीय लोगों के लिए आय का स्रोत भी है। गांव-गांव में इसकी बिक्री होती है। बाजारों में इसकी भारी मांग रहती है।
बोड़ा बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। यह प्रकृति का अनमोल तोहफा है। यह साल में कुछ दिनों के लिए ही मिलती है। इस दौरान बस्तर के लोगों के जीवन में विशेष उत्सव का माहौल रहता है।
जमीन के अंदर होता है बोड़ा
जानकर बताते है कि बस्तर में बोड़ा जमीन के अंदर होता है और यह सिर्फ साल वनों के ही नीचे पाया जाता है। बस्तर के ग्रामीणों के लिए यह तेंदूपत्ता और महुआ के बाद जीवनोपार्जन का मुख्य स्त्रोत है। मानसून आने के कुछ समय पहले से बोड़ा के बाजार में आने का सिलसिला शुरू हो जाता है।
शुरुआती दिनों में बाजार में बोड़ा उतरने के दौरान इसकी डिमांड के चलते यह बोड़ा सब्जी मंहगी बिकती है। यह पड़ोसी राज्य ओडिशा, तेलंगाना से भी बड़ी संख्या में लोग इसे खरीदने के लिए आते हैं।