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जर्मनी-सऊदी अरब में बेच रहा था बच्चों के अश्लील वीडियो: 12वीं पास करते ही चाइल्ड पोर्न के रैकेट से जुड़ा, लड़कियां टारगेट, अकाउंट में लाखों रुपए – Rajasthan News


श्रीगंगानगर पुलिस ने 27 मार्च को शहर के मून होटल पर रेड मारी थी। वहां से केसरीसिंहपुर निवासी सौरभ मेहरा (22) को एक युवती के साथ गिरफ्तार किया।

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पुलिस को युवक के मोबाइल से 7 से 13 साल के बच्चों से जुड़े 1500 अश्लील विडियो मिले। आरोपी ये वीडियो दुबई, जर्मनी, सऊदी अरब जैसे देशों में बेचता, जहां पोर्न पूरी तरह बैन है।

इसके लिए उसे डॉलर में पैसे मिलते थे। आरोपी 3 साल ये कारोबार कर रहा था।

पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी से पूछताछ में और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

मूक-बधिर दोस्त से सीखा काम सौरभ सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है। उसने 12वीं क्लास में यानी 3 साल पहले अपने एक मूक-बधिर दोस्त से बच्चों से जुड़े अश्लील कंटेंट को डाउनलोड और अपलोड करना सीखा था। दोस्त ने पेपर पर लिखकर सौरभ को पूरा प्रोसेस समझाया था।

शुरुआत में सौरभ ये वीडियो सिर्फ देखता था। बाद में उसने ये वीडियो ऑनलाइन बेचने शुरू कर दिए। वीडियो बेचने के लिए सबसे पहले इंस्टाग्राम पर ‘पेज सेलर’ नाम से एक आईडी बनाई।

इस पेज पर सौरभ बच्चों से जुड़े चंद सेकेंड के वीडियो अपलोड करता था। जिसे ये वीडियो खरीदने होते तो वो मैसेज के जरिए सौरभ से संपर्क कर लेता। आपत्तिजनक कंटेंट होने के कारण इंस्टाग्राम पर उसकी आईडी को बैन कर दिया गया।

उसने अपनी इंस्टाग्राम आईडी पर अपने टेलिग्राम चैनल का भी लिंक डाल रखा था। जिससे काफी संख्या में चाइल्ड पोर्न से जुड़े वीडियो खरीदने और बेचने वाले उससे जुड़ गए। उसने अपनी टेलीग्राम आईडी मेगा लिंक्स पर ऐसे वीडियो के स्क्रीन शॉट डाल रखे थे।

वीडियो की साइज के हिसाब से तय कर रखी थी रेट सौरभ इंटरनेट पर काफी एक्टिव रहता था। वह यह सर्च करता रहता था कि किस तरह के पोर्न वीडियो सबसे ज्यादा डिमांड में है। वह अपने टेलीग्राम चैनल पर उन्हीं वीडियो की लिस्ट डालता था। ज्यादातर वीडियो में बच्चों के साथ हिंसक व्यवहार होता था।

सौरभ ने वीडियो के लिए अलग-अलग रेट तय कर रखी थी। 1 से 10 जीबी तक के वीडियो की कीमत 16 डॉलर, 10 से 30 जीबी की 26 डॉलर, 1 टीबी से 10 टीबी तक के वीडियो की रेट 98 डॉलर तय थी।

आरोपी सौरभ पैसों के लेनदेन के लिए इंटरनेशनल पेमेंट गेटवे पे-पाल का इस्तेमाल करता था। उसके खाते में 10 से लेकर 90 डॉलर तक का ट्रांजैक्शन हो रखा था। जिसे वह अपने एसबीआई अकाउंट में रुपए में बदलकर डाल रहा था।

आरोपी ट्रेडिंग वीडियो और टारगेट कस्टमर को ढूंढ़ने के लिए इंटरनेट पर अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करता था। फिर वो इन सबकी लिस्टिंग करता था।

कई दोस्तों को शामिल कर चला रहा था गिरोह सौरभ के पास से भारत सहित कई देशों के बच्चों के वीडियो बरामद हुए हैं। इन वीडियो को वह एक ऐप में सेव करके रखता था। इस ऐप में 50 जीबी तक का डेटा सेव किया जा सकता है।

जब इससे भी ज्यादा वीडियो हो गए तो सौरभ ने अपने कई दोस्तों को भी इस काम में शामिल कर लिया। उनके भी अकाउंट वीडियो स्टोरेज वाले ऐप में बनवा दिए। पुलिस ने सौरभ के कई दोस्तों से भी इस मामले में पूछताछ की है।

सौरभ के फोन से वीडियो खरीदने और बेचने के लिए काफी सारे टेलीग्राम लिंक मिले हैं। इसमें कई लिंक राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार के थे। इसके अलावा कई लिंक विदेश के हैं, जिनमें सबसे ज्यादा सऊदी अरब के हैं।

लड़कियों को ब्लैकमेल करने वाले भी वीडियो सौरभ के खाते से 2 फरवरी को 47 डॉलर के ट्रांजैक्शन का एक रिकाॅर्ड मिला। पैसे भेजने वाले ने बच्चों के साथ हिंसक व्यवहार वाले वीडियो की डिमांड की थी। उसकी डिमांड पर सौरभ ने वैसा ही कंटेंट बेचा था।

सौरभ के पास से बरामद वीडियो में वेबकैम के भी काफी हैं। यह वीडियो उन लड़कियों के हैं, जिन्हें बहला फुसलाकर ऑनलाइन कैमरे के सामने अश्लील हरकतें करवाई गईं। आशंका है कि पहले लड़कियों को ब्लैकमेल किया गया। इसके बाद उन वीडियो को इंटरनेशनल बाजार में बेच दिया गया।

कोरोना काल में शुरू किया था काम पूछताछ में बताया कि उसने कोरोना काल में चाइल्ड पोर्न से जुड़े वीडियो बेचने का काम शुरू किया था। उस समय वह और उसका दोस्त थोड़े से पैसे के लिए वीडियो बेच देते थे, जिससे उनके शौक पूरे हो जाते।

बाद में जैसे-जैसे खाते में पैसे आने लगे तो सौरभ का लालच बढ़ने लगा। इसके बाद बड़े स्तर पर उसने वीडियो बेचना शुरू कर दिया।

पुलिस की जांच में सामने आया कि सौरभ ने लोकल लोगों से भी चाइल्ड पोर्न से जुड़े कई वीडियो खरीदे थे। इसमें सौरभ के दो दोस्त भी शामिल हैं। उसके पास भी बच्चों से जुड़ा अश्लील कंटेंट मिला है।

शराब के ठेके पर सेल्समैन था पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी सौरभ अपने परिवार से दूर ही रहता था। उसे गिरफ्तार करने के बाद भी परिवार को कोई सदस्य नहीं आया। वह एक शराब के ठेके पर सेल्समैन का काम करता था और श्रीगंगानगर के कॉलेज से ही सेकेंड ईयर की पढ़ाई भी कर रहा था।



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