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डलमऊ में 700 साल से होली पर मनाते हैं शोक: रायबरेली में राजा डल की याद में 3 दिन का सूतक, फिर मनाते हैं त्योहार – Raebareli News


रायबरेली2 मिनट पहले

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डलमऊ में होली पर मनाते हैं शोक।

यूपी के रायबरेली जिले के डलमऊ में होली का त्योहार एक अलग ही परंपरा के साथ मनाया जाता है। यहां होली से पहले तीन दिन का सूतक रखा जाता है और फिर किसी शुभ दिन रंगों का त्योहार खेला जाता है। इस बार 17 मार्च को डलमऊ में होली खेली जाएगी।

डलमऊ में यह परंपरा पिछले 700 वर्षों से चली आ रही है। इसके पीछे एक ऐतिहासिक घटना छिपी है, जो 1402 से 1421 ईस्वी के बीच घटित हुई थी। उस दौर में डलमऊ पर सूर्यवंशी राजा डल का शासन था। वे अपनी प्रजा में बेहद लोकप्रिय थे। लेकिन एक दुर्भाग्यपूर्ण दिन, जब राजा अपनी प्रजा के साथ होली का उत्सव मना रहे थे, तभी जौनपुर के शासक शाहशर्की की सेना ने धोखे से हमला कर दिया। राजा और उनकी प्रजा निहत्थी थी, और इसी कायराना हमले में राजा डल वीरगति को प्राप्त हुए।

इस घटना के पीछे एक किंवदंती भी प्रचलित है। कहा जाता है कि बाबर सैयद की पुत्री सलमा बेहद सुंदर और बुद्धिमान थी। जब वह अपने सिपहसालारों के साथ गंगा के रास्ते डलमऊ में शिकार के लिए आई, तो राजा डल की नजर उस पर पड़ी। राजा ने सलमा से मिलने की इच्छा जाहिर की, लेकिन यह प्रस्ताव सलमा को नागवार गुजरा। उसने जौनपुर के शासक इब्राहिम शाहशर्की को इस बारे में बताया। शाहशर्की ने इसे अपने अपमान से जोड़कर राजा डल से बदला लेने की ठानी।

आज खेली जाएगी होली।

शाहशर्की को पता था कि आमने-सामने की लड़ाई में राजा डल को हराना मुश्किल होगा। उसने डलमऊ के ही दो लोगोंजुम्मन और जुनैद—की मदद से राजा पर हमले की साजिश रची। होली के दिन जब राजा डल रंगों में सराबोर होकर अपनी प्रजा के साथ खुशियां मना रहे थे, तभी शाहशर्की की सेना ने हमला कर दिया। राजा और उनके सैनिक निहत्थे थे, लेकिन फिर भी वे वीरता से लड़े और अंत में सूरजूपुर के पास वीरगति को प्राप्त हुए।

ऐसा कहा जाता है कि राजा डल की हत्या के बाद उनका सिर शाहशर्की की सेना उठा ले गई, लेकिन उनका धड़ वहीं रह गया। आज भी सूरजूपुर के पास राजा डल की खंडित प्रतिमा स्थापित है, जहां हर साल सावन महीने के प्रत्येक बुधवार को भव्य मेला लगता है। राजा डल की स्मृति में डलमऊ क्षेत्र के 28 गांवों में होली के दिन रंग नहीं खेला जाता। इनमें **पूरे वल्ली, नेवाजगंज, पूरे बघेलन, पूरे गुलाबराय, नाथखेड़ा, बबुरा, देवली, आफताब नगर, मुर्शिदाबाद, सदलापुर, सूरजूपुर, शिवपुरी, कुरौली दमा सहित कई गांव शामिल हैं।

17 मार्च को खेली जाएगी डलमऊ में होली तीन दिन के शोक के बाद 17 मार्च को डलमऊ नगर और उसके 28 पुरवों में धूमधाम से होली खेली जाएगी। प्रशासन ने त्योहार को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। असामाजिक तत्वों पर विशेष नजर रखी जाएगी।



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