विधायक देवेंद्र यादव जमानत पर जेल से बाहर आए।
बलौदाबाजार हिंसा केस में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव शुक्रवार को 7 महीने बाद जेल से रिहा हुए। जेल से छुटने के बाद वे अपनी पत्नी श्रुतिका और बड़े भाई धर्मेंद्र के साथ भिलाई आए। यहां दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि जहां उनकी जरूरत होगी वे
.
इसके साथ ही भिलाई विधायक को सुप्रीम कोर्ट ने एक और राहत दी है। देवेंद्र की विधायकी निरस्त करने वाली पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय की याचिका पर रोक लगा दी गई है। प्रेम प्रकाश पांडेय की याचिका हाईकोर्ट में सुनवाई के लायक है या नहीं, अप्रैल में इस पर सुनवाई होगी। देवेंद्र ने अपने खिलाफ दायर अर्जी को खारिज करने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।
जेल से छुटने के बाद देवेंद्र यादव की 3 तस्वीरें देखिए
बलौदाबाजार हिंसा केस में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव 7 महीने बाद जेल से रिहा हुए।
रायपुर सेंट्रल जेल के बाहर यादव के समर्थक उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे थे।
देवेन्द्र यादव के बचाव पक्ष ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की थी।
अपने लोगों की आवाज बनकर विरोध दर्ज कराने गया था- यादव
बलौदाबाजार हिंसा से पहले एक सभा में भाग लेने के बाद ही देवेंद्र यादव पर मामला दर्ज हुआ और वे जेल गए। क्या अब वो ऐसी किसी सभा में भाग लेने जाएंगे या उससे बचेंगे। इस सवाल पर देवेंद्र यादव ने कहा कि वहां पर अपने लोगों के बीच उनकी आवाज बनकर विरोध दर्ज कराने गए थे। उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।
पत्नी ने आरती करके विधायक यादव का स्वागत किया।
देवेंद्र यादव रायपुर से भिलाई घर पहुंचे तो पत्नी श्रुतिका ने उनकी आरती करते स्वागत किया। इसके बाद देवेंद्र घर के अंदर अपनी मां से मिलने पहुंचे। वहां मां ने अपने बेटे को गले से लगा लिया। इस दौरान मां और बेटे दोनों के आंसू छलक उठे।
जानिए क्या था मामला
10 जून 2024 को बलौदाबाजार में सतनामी समाज ने जैतखाम तोड़े जाने का विरोध करते हुए कलेक्टर और एसपी ऑफिस जला दिया था। इस मामले में भीड़ को भड़काने, आंदोलनकारियों का साथ देने का आरोप लगाकर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर केस दर्ज किया गया था।
ये तस्वीरे उस समय की हैं, जब देवेंद्र यादव बलौदाबाजार में सतनामी समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
देवेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में क्या दलील दी
विधायक देवेंद्र यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपने बचाव में कहा गया कि बलौदाबाजार हिंसा घटना वाले दिन वह सिर्फ सभा में शामिल हुए, लेकिन वो मंच पर नहीं गए, उन्होंने मंच से कोई भाषण नहीं दिया। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने भीड़ को उकसाया होगा।
कार्यक्रम में शामिल होने और वापस लौट जाने का समय हिंसक घटना के समय से बिल्कुल अलग है। जहां हिंसक घटना हुई, वहां देवेंद्र यादव मौजूद नहीं थे। उनकी गिरफ्तारी भिलाई स्थित उनके घर से हुई जो की घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर है। पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत और राजनीति से प्रेरित है।
तस्वीर गिरफ्तारी के पहले की है, पुलिस जब गिरफ्तार करने पहुंची तब संविधान की पुस्तक और सफेद झंडा लेकर देवेंद्र यादव निकले थे।
बलौदाबाजार हिंसा की टाइमलाइन-
- 15 मई को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार लोकल स्तर पर प्रदर्शन हुए।
- 19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे।
- इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई। इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई।
- प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे। इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी।
ग्राफिक्स में पढ़िए पुलिस ने देवेंद्र यादव के खिलाफ चालान में क्या लिखा था
- देवेंद्र यादव के वकील ने कोर्ट से क्या कहा था
बलौदाबाजार हिंसा से जुड़ी तस्वीरें देखिए…
बलौदाबाजार हादसे की चश्मदीद पुलिसकर्मियों को जांच अधिकारियों ने गवाह बनाया था।
बलौदा बाजार में प्रदर्शनकारियों ने कलक्ट्रेट में आग लगा दी थी।
सरकारी वाहनों में भी प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ की गई थी।
- ग्राफिक्स में देखिए इनपर भीड़ जुटाने का जिम्मा लेने का था आरोप
आगजनी में 2.82 करोड़ का नुकसान
बलौदाबाजार हिंसा में चालान रिपोर्ट के अनुसार अग्निकांड में 2.82 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी वाहन, निजी वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसी तरह से एसपी और कलेक्ट्रेट ऑफिस को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया था।
प्रदर्शन के दौरान आंदोलकारियों ने पुलिसकर्मियों और शासकीय कर्मचारियों से मारपीट करके उन्हें घायल भी किया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारी घटनाक्रम को अंजाम देने के लिए पेट्रोल बम लेकर पहुंचे थे।
………………………………
बलौदाबाजार हिंसा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
बलौदाबाजार हिंसा…देवेंद्र यादव का संबंध अपराधियों से:चालान में लिखा, हिंसा से पहले प्रदर्शनकारियों से कई बार बातचीत; फंडिंग का दिया आश्वासन
कलेक्ट्रेट कार्यालय में आग लगाने के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने वहां खड़े वाहन भी फूंक दिए थे।
बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस ने 6970 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया है। इसके कुछ अहम दस्तावेज दैनिक भास्कर के हाथ लगे हैं। इन दस्तावेजों में पुलिस ने घटना की पूरी जानकारी, आरोपियों की भूमिका और उनसे जुड़े सबूतों का जिक्र किया है। पढ़ें पूरी खबर