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निरीक्षण में खुली पोल: मंत्री ने मरीज से पूछा- कैसा चल रहा इलाज; मरीज की पत्नी बोली- नहीं मिल रहा इलाज, दवा भी बाहर से खरीद कर ला रहे – Ranchi News


वार्ड में मरीज की पत्नी से जानकारी लेते स्वास्थ्य मंत्री, साथ में है कांके के विधायक।

स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद डॉ. इरफान अंसारी पूरे एक्शन में हैं। पदभार लेने के बाद पहली बार वे रिम्स पहुंचे। यहां पहुंचते ही इमरजेंसी से लेकर बेसमेंट स्थित वार्ड तक का निरीक्षण किया। साथ में कांके विधायक सुरेश बैठा, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अज

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निरीक्षण के क्रम में डॉ. इरफान ने इमरजेंसी के पहले तल्ले में बने ऑपरेशन थिएटर का जायजा लिया। बंद पड़े ऑपरेशन थिएटर को तत्काल हटाते हुए उसमें इमरजेंसी का एक्सटेंशन कर बेड बढ़ाने का निर्देश दिया। इसके बाद बेसमेंट के चर्म रोग वार्ड में पहुंचे, जहां इलाजरत मरीज के परिजन से मुलाकात की। जब मंत्री ने मरीज की पत्नी से पूछा- इलाज कैसा चल रहा है? इस पर रिम्स की पोल खुल गई। मरीज की पत्नी ने मंत्री को बताया कि कहां चल रहा इलाज। डॉक्टर समय पर देखने नहीं आते। दवा नहीं दी जाती। बाहर से खरीदना पड़ता है।

इस पर मंत्री आग बबूला हो गए और नर्स से दवाओं की जानकारी ली। इस बीच नर्स मंत्री को दवा की अनुपलब्धता के बारे बता ही रही थी कि निदेशक ने कहा कि करीब 80% दवाएं स्टॉक में हैं। मंत्री ने तत्काल व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया, कहा कि मरीज को किसी तरह की परेशानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मंत्री के निरीक्षण से एक घंटे पहले बदली इमरजेंसी के बेड की चादरें…

स्वास्थ्य मंत्री को सब कुछ ठीक दिखाने के लिए इमरजेंसी में मंत्री के पहुंचने के करीब एक घंटे पहले बेड की चादरें बदली गईं। ताकि गंदी व मैली चादर देखकर मंत्री भड़क न जाएं। इमरजेंसी में भर्ती मरीज सुनीता देवी के पति ने कहा कि पहले रिम्स में डॉक्टर बुलाने पर नहीं आ रहे थे। मंत्री आने वाले थे, इसलिए आधे घंटे के भीतर तीन बार डॉक्टर ने खुद आकर मरीज की स्थिति देखी। उसने कहा कि अगर मंत्री के आने से व्यवस्था ऐसी बदल जाती है तो स्वास्थ्य मंत्री को हर दिन रिम्स आना चाहिए।

निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने दी जानकारी…

  • निरीक्षण के दौरान सेंट्रल इमरजेंसी के पहले तल्ले के ऑपरेशन थिएटर को हटा कर उसे वार्ड के रूप में डेवलप करने का निर्देश दिया। जिससे इमरजेंसी बेड की संख्या बढ़ाकर 50 से 80 हो जाएगी। ओटी समेत पूरे फ्लोर में ऑक्सीजन प्वाइंट आदि के साथ-साथ बेड, मॉनिटर इंस्टॉल करने के निर्देश दिए।
  • वार्डों की जर्जर स्थिति देखते हुए तत्काल वार्डों की मरम्मत के निर्देश दिए। साथ ही जो भी लिफ्ट खराब है, उसकी जानकारी लेते हुए उसे दुरुस्त कराने के लिए भी प्रबंधन को निर्देश दिया।
  • मरीज द्वारा इलाज नहीं मिलने व अल्ट्रासाउंड जांच कई दिनों से नहीं होने की शिकायत के बाद मंत्री ने निदेशक को फटकार लगाते हुए तत्काल अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था ठीक करने को कहा। साथ ही निर्देश दिया कि जो भी जरूरी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, सभी की सूची बनाकर तत्काल इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करें।
  • रिम्स परिसर में बन रहे क्षेत्रीय नेत्र संस्थान को हर हाल में फरवरी 2025 तक चालू किया जाए। जितने भी काम शेष हैं, उन्हें जल्द पूरा कराया जाए।
  • रिम्स में जितने भी उपकरण 10 साल से ज्यादा पुराने हो गए हैं, उन्हें अपडेट करते हुए उनके स्थान पर नए उपकरण खरीदे जाएं।

पेइंग वार्ड देख मंत्री बोले- यहां क्यों ले आए… पुरानी बिल्डिंग के वार्ड में लेकर चलिए

सेंट्रल इमरजेंसी के निरीक्षण के बाद मंत्री को निदेशक पेइंग वार्ड दिखाने ले गए। यहां डायलिसिस यूनिट की जानकारी ली। इसके बाद निदेशक उन्हें पेइंग वार्ड के दूसरे तल्ले में ले गए। यहां पहुंचते ही मंत्री ने निदेशक पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि यहां क्यों ले आए? पुरानी बिल्डिंग के वार्ड में लेकर चलिए। इसके बाद मंत्री को ऑर्थोपेडिक वार्ड में ले जाया गया। हालांकि, पेइंग वार्ड के कमरों की जर्जर स्थिति देख वे भड़क गए। उन्होंने मरम्मत कराकर तत्काल इसे चालू करने का निर्देश दिया।

सचिव बोले- रिम्स में स्थिति सुधरने के बाद जिला अस्पताल में होगा इलाज

प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर सकारात्मक पहल करते हुए ऐसी व्यवस्था ला रहे हैं कि वैसे रोगी जो गंभीर स्थिति में रिम्स में भर्ती हुए हैं और इलाज के बाद स्थिति सुधर गई हो। उन्हें तत्काल जिला अस्पताल भेजकर आगे का इलाज कराया जाएगा। मरीज जिस जिला के होंगे, उन्हें उस जिले के सदर अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। ताकि रिम्स का भार भी कम हो। सभी मरीजों को रिम्स से जिला अस्पताल में भेजने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था होगी।



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