11 मार्च को आईएमटी रोजकामेव में धरने पर बैठे किसानों को गिरफ्तार करती पुलिस
हरियाणा के नूंह जिले में पिछले एक साल से भूमि अधिग्रहण मुआवजे की मांग को लेकर आईएमटी रोजकामेव में धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों की आज महापंचायत होगी। इस पंचायत में भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद भी शामिल होंगे। इससे कुछ दिन पहले आईएमटी रोजकामेव
.
25 फरवरी 2024 से धरने पर बैठे हुए है किसान
आईएमटी रोजकामेव में भूमि अधिग्रहण मुआवजे को लेकर 25 फरवरी 2024 से किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। कई बार एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी आईएमटी में काम करने के लिए पहुंचे, लेकिन किसानों ने 1 साल से कोई काम नहीं होने दिया। इस दौरान प्रशासन के साथ किसानों की कुछ बातें भी हुई, लेकिन उन बातों से कोई समाधान नहीं निकला। बीते 11 मार्च को जब एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी आईएमटी में काम करने के लिए पहुंचे तो किसानों ने जेसीबी मशीनों पर चढ़कर कार्य को रुकवाने लगे ,लेकिन मौके पर तैनात भारी पुलिस बल ने किसानों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें 54 महिलाएं और 53 पुरुष किसान शामिल थे।
आईएमटी रोजकामेव में तैनात पुलिस
किसान कह रहे काम नहीं होने देंगे,पुलिस ने कहा काम रोका तो होगी कार्रवाई
आईएमटी में चल रहे कार्य को किसानों द्वारा बंद कर दिया गया था। जिसके बाद पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया था। लेकिन किसानों का यह कहना है कि वो ना डरेंगे और ना हटेंगे। आज एक बड़ी महापंचायत की जाएगी। जिसमें कई बड़े किसान नेता शामिल होंगे। पंचायत में बड़ा फैसला लिया जाएगा। जब तक मांगें पूरी नहीं होती तब तक किसी भी कीमत पर आईएमटी में काम नहीं होने दिया जाएगा। वहीं डीएसपी हरेंद्र कुमार ने कहा कि किसानों द्वारा कार्य रुकवाने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अगर किसान फिर से कार्य रुकवायेंगे तो उनके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। आईएमटी रोजकामेव में पुलिस के करीब 102 जवानों को तैनात किया गया है।
मीडिया को जानकारी देते डीएसपी हरेंद्र कुमार
2010 में हुई थी किसानों की भूमि अधिग्रहण
आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांवों के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था,लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ दो करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को दो करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं। इसी के चलते किसान धीरदूका गांव में 29 फरवरी 2024 से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।