मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों के 1 अप्रैल से सभी भत्तों का पुनरीक्षण 7वें वेतनमान के अनुरूप करने के फैसले से खुशी का माहौल है। कर्मचारी संगठनों ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा विधानसभा में बजट के दौरान यह घोषणा की तो कर्मचारि
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कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य भत्तों में सचिवालय भत्ता, विकलांगता भत्ता, गृह भाड़ा भत्ता और आदिवासी क्षेत्र भत्ता शामिल हैं। इसके अलावा यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता, जोखिम भत्ता और पुलिस कर्मियों के लिए आहार भत्ता, सिलाई भत्ता और वर्दी धुलाई भत्ता दिया जाता है। विभिन्न कर्मचारी संगठन लंबे समय से महंगाई के अनुरूप भत्तों में वृद्धि की मांग कर रहे थे। हालांकि नए भत्तों के लिए कर्मचारियों को अभी इंतजार करना होगा। पहले वेतनमान लागू होने के 5 साल के भीतर भत्तों में बढ़ोतरी कर दी जाती थी, लेकिन इस बार 7वें वेतनमान के लागू होने के 110 महीने बाद यह निर्णय लिया गया है।
आर्थिक समस्याएं दूर होंगी और उनका जीवन स्तर सुधरेगा
मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष मनोज राठौर ने कहा कि हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार के बजट में वित्त मंत्री ने कर्मचारियों हितों में कई निर्णय लिए हैं और भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। विगत कई वर्षों से कर्मचारियों के भत्तों में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गई थी। अब सातवें वेतन के अनुसार भत्ते देने की घोषणा स्वागत योग्य है। इस फैसले से प्रदेश के लगभग साढे़ सात लाख से अधिक कर्मचारी अधिकारियों का लाभ मिलेगा। इस फैसले का समस्त कर्मचारी संगठन एवं कर्मचारी स्वागत करते हैं। इससे कर्मचारियों की आर्थिक समस्याएं दूर होंगी और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।
परिवहन भत्ते के मिल रहे थे मात्र दो सौ रुपए
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग इंदौर के इंजीनियर अखिल चौरे का कहना है कि सरकार द्वारा एक अप्रैल से भत्तों के पुनरीक्षण का जो निर्णय लिया है वह बहुत ही सराहनीय कदम है, क्योंकि कर्मचारी को सातवे वेतनमान के अनुसार 2010 से जो भत्ते मिल रहे थे, उसमें परिवहन भत्ता मात्र दो सौ रुपए मिल रहे थे, जबकि आज पेट्रोल की कीमत आसमान छू रही है। इससे कर्मचारियों को बहुत घाटा हो रहा था। इस नई घोषणा से कर्मचारियों में खुशी है।