प्रेस कांफ्रेंस करते बरेली के एसपी सिटी मानुष पारीक
“मेरे चाचा की कोई संतान नहीं थी। उनकी पत्नी भी कई साल पहले उन्हें छोड़कर चली गई थी। मुझे ऐसा लगता था कि वह अपनी प्रॉपर्टी किसी और को न दे दें, इसलिए मैंने उनकी हत्या की साजिश रची। जिसके बाद मैंने तमंचे से गोली मारकर उनकी हत्या कर दी और अपने विरोधियों
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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
यह सनसनीखेज वारदात यूपी के बरेली की है। एसपी सिटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना का खुलासा किया है।
रविवार की रात हुई थी हत्या की सनसनीखेज वारदात
बरेली में रविवार की रात शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के सिकलापुर में 62 वर्षीय दयाशंकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था। इस दौरान दयाशंकर के भतीजे ऋतिक ने आरोप लगाया था कि मेरे चाचा की हत्या नीरज, अमित, सचिन, वासु और अप्पू ने की है। जिसके बाद कोतवाली में पांचों के खिलाफ नामजद हत्या का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया था।
चाचा की हत्या का आरोपी ऋतिक
विरोधियों को फंसाने के लिए रची साजिश
दरअसल, ऋतिक का कुछ दिनों पहले इन पांचों लोगों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इन पांचों लोगों ने ऋतिक की पिटाई कर दी थी, जिससे ऋतिक को इन सबसे बदला लेने का मौका भी मिल गया। ऋतिक को लगा कि इससे उसका रास्ता भी साफ हो जाएगा, प्रॉपर्टी भी मिल जाएगी और उसके दुश्मन जेल चले जाएंगे।
पुलिस ने हिरासत में लेकर की पूछताछ तो सच आया सामने
पुलिस को पहले दिन से ही मृतक दयाशंकर के भतीजे पर शक था, इसलिए पुलिस ने उसे उसी दिन हिरासत में ले लिया था। पहले तो वह वही रटी-रटाई कहानी बताता रहा, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो उसने सारा सच कबूल कर लिया।
बिजली के तार काटे और अंधेरा होने पर मार दी गोली
एसपी सिटी मानुष पारिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि ऋतिक ने ही प्रॉपर्टी हड़पने के लिए अपने सगे चाचा की हत्या कर दी थी। हत्या करने के लिए उसने सबसे पहले बिजली के तार काटे, जिससे लाइट चली गई और अंधेरे का फायदा उठाकर अपने चाचा को तमंचे से गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। ऋतिक ने पुलिस को फोन करके हत्या की सूचना दी थी। फिलहाल, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से तमंचा और बिजली का तार काटने के उपकरण भी बरामद कर लिए हैं।
अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, लेकिन कानून के लंबे हाथ उसे पकड़ ही लेते हैं। आरोपी कोई न कोई सबूत छोड़ ही जाता है, जिससे पुलिस उस तक पहुंच जाती है। वहीं, महज संपत्ति के कारण रिश्तों का कत्ल हो गया। अब न ऋतिक को संपत्ति मिली और न ही आजादी, बल्कि वह जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया।