बहराइच4 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
सीपैप मशीन, मदर मिल्क बैंक और कम्युनिटी कंगारू मदर केयर (केएमसी) मॉडल से शिशुओं को नई जिंदगी मिल रही है।
बहराइच मेडिकल कॉलेज की महिला विंग में नवजात शिशुओं के लिए नई जीवनरक्षक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सीपैप मशीन, मदर मिल्क बैंक और कम्युनिटी कंगारू मदर केयर (केएमसी) मॉडल से शिशुओं को नई जिंदगी मिल रही है।
एसएनसीयू इंचार्ज डॉ. असद अली के अनुसार पिछले एक माह में सीपैप मशीन से 10 नवजातों की जान बचाई गई है। मदर मिल्क बैंक उन शिशुओं के लिए वरदान बन रहा है, जिन्हें विभिन्न कारणों से मां का दूध नहीं मिल पाता। यहां अन्य माताओं द्वारा दान किए गए दूध को जांच के बाद जरूरतमंद शिशुओं को दिया जाता है।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय खत्री बताते हैं कि 2022 से संचालित लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट ने डिब्बाबंद दूध पर निर्भरता को कम किया है। इससे शिशुओं का स्वास्थ्य सुधरा है और गरीब परिवारों का खर्च भी घटा है।
जिले में उत्तर प्रदेश का पहला कम्युनिटी केएमसी मॉडल राईज संस्था के सहयोग से शुरू किया गया है। इस मॉडल के तहत प्रशिक्षित नर्सें घर जाकर माताओं को कम वजन वाले नवजातों की देखभाल का तरीका सिखाती हैं। डॉ. असद अली के मुताबिक, जुलाई 2021 से दिसंबर 2024 के बीच 1800 ग्राम से कम वजन या 36 हफ्ते से पहले जन्मे 2670 नवजातों को सुरक्षित किया गया है।