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फिटनेस के लक्ष्य हासिल करना और शरीर को स्वस्थ रखना हर किसी की प्राथमिकता होती है। लेकिन जब यह जुनून हद से ज्यादा बढ़ जाए, तो शरीर पर दबाव पड़ने लगता है और स्वास्थ्य समस्याएं जन्म लेती हैं। ओवरट्रेनिंग के कारण युवाओं में इंजरी, मानसिक तनाव और शारीरिक थकावट जैसे मामलों में इजाफा हुआ है। यह समस्या तब और बढ़ जाती है, जब सही वर्कआउट रूटीन, पोषण और आराम का ध्यान नहीं रखा जाता।
हालांकि, जागरूकता और सही गाइडेंस से न केवल इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है, बल्कि फिटनेस का सफर फिर से शुरू किया जा सकता है। केस 1: 22 साल के स्टूडेंट ने खुद को फिट रखने के लिए रोजाना चार घंटे की ट्रेनिंग शुरू की। बिना ट्रेनर की सलाह लिए उन्होंने हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करना शुरू कर दिया।
कुछ महीनों बाद कंधे में तेज दर्द महसूस हुआ, जिसे वह नजरअंदाज करते रहे। दर्द इतना बढ़ गया कि डॉक्टर के पास जाना पड़ा। जांच में पता चला कि अत्यधिक ट्रेनिंग ने उनकी मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाया है। वर्कआउट से ब्रेक लेने और फिजियोथैरेपी कराने की सलाह दी। केस 2: 25 साल की फूड ब्लॉगर को वजन घटाने की जल्दी थी, जिसके चलते उन्होंने सुबह और शाम दो बार हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करना शुरू किया।
डाइट पर भी जरूरत से ज्यादा नियंत्रण रखा, जिससे उनके शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल सका। नतीजा यह हुआ कि उनकी हड्डियां कमजोर हो गईं और बार-बार थकावट और चक्कर आने लगे। एक स्वास्थ्य जांच के बाद पता चला कि साक्षी को कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हो गई है। डॉक्टर ने उन्हें योग और मेडिटेशन की सलाह दी, साथ ही बैलेंस्ड डाइट का पालन करने को कहा। केस: 3 28 साल के बिजनेसमैन ने अपने दोस्तों के साथ फिटनेस की दौड़ में शामिल होने के लिए वर्कआउट शुरू किया। शुरुआत में सब कुछ ठीक था, लेकिन जल्द ही उन्होंने बिना वार्मअप किए ही भारी वजन उठाना शुरू कर दिया।
इससे उनकी मांसपेशियों में खिंचाव आ गया और उन्हें हफ्तों तक दर्द झेलना पड़ा। डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने धीरे-धीरे स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल किया। अब वह पूरी तरह से ठीक हैं और फिटनेस के प्रति जागरूक रहते हैं। केस: 4 29 साल की वर्किंग वुमन ने शादी के बाद फिट रहने के लिए वर्कआउट शुरू किया। हालांकि, उन्होंने किसी ट्रेनर की मदद नहीं ली और सोशल मीडिया वीडियो देखकर एक्सरसाइज करना शुरू किया। भारी वजन उठाने के कारण उनकी पीठ में दर्द रहने लगा। जब समस्या बढ़ी, तो उन्होंने फिजियोथेरेपिस्ट से संपर्क किया। अब वह नियमित रूप से प्रशिक्षित ट्रेनर के साथ वर्कआउट करती हैं और अपनी फिटनेस को सुरक्षित बनाए रखने में सफल हैं।