नई दिल्ली1 मिनट पहले
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बोइंग का 787-8 ड्रीमलाइनर विमान गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ है। टेकऑफ के 2 मिनट बाद ही फ्लाइट एक बिल्डिंग से टकरा गई थी।
केंद्र सरकार बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान को उड़ान भरने से रोकने पर विचार कर रही है। NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया कि, सिक्योरिटी रिव्यू के लिए विमानों को ग्राउंड किया जा सकता है। यह फैसला अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश के बाद लिया गया है।
एअर इंडिया का 787-8 विमान 12 जून को अहमदाबाद में क्रैश हुआ था। इसमें अब तक 265 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनमें से 241 मृतक विमान में सवार पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स थे। 5 मृतक उस मेडिकल हॉस्टल के हैं, जहां प्लेन क्रैश हुआ था।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पूर्व जॉइंट सेक्रेटरी सनत कौल ने न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत में कहा- DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने एअर इंडिया को कई बार लेटर लिखा था। जिसमें सिक्योरिटी, गलत तरह से चेकिंग और अन्य खामियों से जुड़ी बातें बताई गईं थीं। अब जब हादसा हो गया तो एअर इंडिया पर सवाल उठता है कि वे अपने विमानों का मेंटिनेंस कैसे करते हैं।
अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान के हादसे का ड्रोन व्यू।
अगर विमान ग्राउंड किए गए, फिर आगे क्या…
सवाल: विमानों को कब तक ग्राउंड रखा जाएगा? जवाब: अभी तक कोई आधिकारिक तारीख नहीं बताई गई है कि बोइंग 787-8 को कब ग्राउंड किया जाएगा। लेकिन ये फैसला अहमदाबाद हादसे की जांच के शुरुआती नतीजों पर निर्भर करेगा। पिछले रिकॉर्ड्स देखें तो 2013 में बोइंग 787 की लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद पूरी दुनिया में इस फ्लीट को 3 महीने के लिए ग्राउंड किया गया था।
अगर इस बार भी ऐसा ही कुछ हुआ, तो शायद 2-3 महीने तक ग्राउंडिंग हो सकती है, लेकिन ये इस बात पर डिपेंड करता है कि DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) और AAIB (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) की जांच में क्या निकलता है। अगर इंजन फेलियर या फ्यूजलेज की खराबी जैसी गंभीर दिक्कतें पाई गईं, तो समय और बढ़ सकता है।
सवाल: ग्राउंड के बाद विमानों की चेकिंग कैसे होगी? जवाब: विमानों की चेकिंग का काम DGCA और AAIB के साथ बोइंग कंपनी और एअर इंडिया की टीमें मिलकर करेंगी। प्रोसेस कुछ इस तरह हो सकती है:
ब्लैक बॉक्स एनालिसिस: सबसे पहले फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर ब्लैक बॉक्स की जांच होगी।
इंजन और फ्यूजलेज चेक: विशेषज्ञों का मानना है कि हादसे की वजह इंजन फेलियर या फ्यूजलेज की गलत असेंबली हो सकती है। हर बोइंग 787-8 के इंजन, फ्यूल सिस्टम, और फ्यूजलेज जोड़ों की बारीकी से जांच होगी।
सेफ्टी ऑडिट: डीजीसीए और अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) मिलकर हर विमान की मेंटेनेंस हिस्ट्री, बैटरी सिस्टम, और इलेक्ट्रिकल सिस्टम की जांच करेंगे। पहले 787 में बैटरी की दिक्कतें सामने आई थीं, तो इन पर खास ध्यान होगा।
टेस्ट फ्लाइट्स: अगर कोई खामी मिलती है, तो बोइंग को उसे ठीक करना होगा। इसके बाद हर विमान की टेस्ट फ्लाइट होगी ताकि ये सुनिश्चित हो कि वो पूरी तरह सुरक्षित है।
पायलट ट्रेनिंग रिव्यू: हादसे में पायलटों की सेटिंग जैसे फ्लैप्स और लैंडिंग गियर पर भी सवाल उठे हैं, तो पायलट ट्रेनिंग प्रोसेस की भी जांच हो सकती है।
इस चेकिंग में महीनों लग सकते हैं, क्योंकि हर विमान को अलग-अलग टेस्ट करना होगा। DGCA और FAA की गाइडलाइंस के मुताबिक, सारी कमियां ठीक होने तक उड़ान की मंजूरी नहीं मिलेगी।
अब जानिए बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के बारे में…
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्या है? बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे बोइंग ने बनाया है। ये लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और पुराने बोइंग 767 को रिप्लेस करने के लिए लाया गया। ये फ्यूल-एफिशिएंट विमान है।
इस विमान में ऐसा क्या खास है?
- हल्का मटेरियल: इसका 50% हिस्सा कार्बन फाइबर जैसे कम्पोजिट मटेरियल से बना है, जो इसे हल्का और मजबूत बनाता है।
- बड़ी खिड़कियां:ड्रीमलाइनर की खिड़कियां किसी भी कॉमर्शियल विमान में सबसे बड़ी हैं (27×47 सेमी)
- कम्फर्ट: केबिन का प्रेशर 1,900 मीटर की ऊंचाई जैसा रखा जाता है, जिससे ऑक्सीजन 8% ज्यादा रहती है और थकान कम होती है।
- LED लाइटिंग: केबिन में रंग बदलने वाली लाइट्स हैं, जो टाइम जोन बदलने का असर कम करती हैं।
- बड़े बिन्स: ओवरहेड बिन्स में हर यात्री का रोल-अबोर्ड बैग आसानी से आ जाता है।
यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं हैं?
- सीटिंग: एयरलाइंस के हिसाब से अलग-अलग लेआउट हैं। जैसे ANA में 32 बिजनेस, 14 प्रीमियम इकोनॉमी, और 138 इकोनॉमी सीटें। कतर एयरवेज़ में 3-3-3 इकोनॉमी लेआउट है।
- एंटरटेनमेंट: पर्सनल टीवी, USB चार्जिंग पोर्ट्स, और पावर आउटलेट्स।
- शोर में कमी: केबिन पुराने विमानों से ज्यादा शांत है।
- कम्फर्ट: सीटें आरामदायक हैं, और सस्पेंशन सिस्टम हर तरह के रास्ते पर अच्छा अनुभव देता है।
दुनिया भर में ड्रीमलाइनर 787-8 से जुड़े विवाद…
विवाद-1: लीथियम आयन बैटरियों में आग, 3 महीने दुनिया में ड्रीमलाइनर नहीं उड़ा
जनवरी 2013 में दो नए ड्रीमलाइनर 787-8 विमान जापान की दो एयरलाइन कंपनियों के बेड़े में शामिल किए गए थे। इनमें लगी लीथियम आयन (Li-Ion) बैटरी में आग लग गई। एक विमान में आग तब लगी जब वह बोस्टन के एयरपोर्ट पर पार्किंग में खड़ा था, जबकि दूसरा ड्रीमलाइनर उड़ान भर चुका था। आग लगने के चलते उसकी इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी।
असरः इसके बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 3 महीने के लिए दुनिया भर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी। बोइंग ने अपने बैटरी सिस्टम और उसके इंसुलेशन यानी बैटरी को इंजन की गर्मी से बचाने के तरीके में सुधार किए।
2013 में ग्राउंडेड बोइंग 787 विमान का सीन। बोइंग विमानों के 30 सालों में इतिहास में पहली बार इस तरह का एक्शन लिया गया था।
विवाद-2: बॉडी के जोड़ों में गैप की शिकायत, बोइंग ने गलती मानी
2020 से 2022 के दौरान ड्रीमलाइनर में कई बार मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट की खबरें आईं। दरअसल, ड्रीमलाइनर एक वाइड-बॉडी पैसेंजर प्लेन है। इसके हिस्से अलग-अलग बनते हैं, जिन्हें बाद में जोड़ा जाता है। इस दौरान कई विमानों में बॉडी के जोड़े गए हिस्सों में ज्यादा गैप की शिकायत आई। बॉडी में इस्तेमाल होने वाले कार्बन-फाइबर के हिस्सों को भी ठीक से नहीं जोड़ा गया था। बॉडी का झुकाव भी ठीक नहीं था।
असर: 2020 से 2022 के दौरान बोइंग ने एयरलाइंस को ड्रीमलाइनर की डिलीवरी रोक दी। FAA ने निगरानी बढ़ाई और कई दूसरी कंपनियों को एयरक्राफ्ट डिलीवर करने की मंजूरी दी। बोइंग ने भी माना कि ड्रीमलाइनर की मैन्युफैक्चरिंग में कई तरह की गड़बड़ी थी।
विवाद-3: विमान के हिस्से जोड़ने का तरीका बदला, हवा में टूटने का खतरा
अप्रैल 2024 में बोइंग में काम करने वाले एक व्हिसलब्लोअर ने दावा किया था कि ड्रीमलाइनर 787 की बॉडी के कुछ हिस्से ठीक से नहीं जुड़े हैं और ये उड़ानों के दौरान बीच में ही टूट सकते हैं। ये व्हिसलब्लोअर इंजीनियर सैम सालेह थे, जो दस साल से ज्यादा समय से बोइंग में काम कर रहे थे।
सैम ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि विमान के कई हिस्सों को एक साथ जोड़ने के तरीके में बदलाव करने से ये दिक्कत हुई है। विमान के धड़ के टुकड़े अलग-अलग कंपनियों से बनकर आते हैं। ये एक साथ जोड़ने पर ठीक से फिट नहीं बैठते हैं।
असर: इन आरोपों के बाद बोइंग के प्रवक्ता पॉल लुईस ने माना था कि मैन्युफैक्चरिंग के तरीके में बदलाव हुए हैं, लेकिन इससे विमान की मजबूती और उसकी लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ा है।’ बोइंग ने ये भी कहा था कि वह विमान के इन्फ्रास्ट्रक्चर की जांच कर रहे हैं। हालांकि बाद में एक और बयान में बोइंग ने सैम के दावों को नकार दिया था और ड्रीमलाइनर 787 को पूरी तरह सुरक्षित बताया था।
विवाद-4: इंजन फेल्योर, ऑयल लीकेज समेत कई टेक्निकल खामियों की शिकायत
बोइंग 787-8 में पारंपरिक विमानों की तुलना में ज्यादा इलेक्ट्रिकल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। जैसे- हाइड्रोलिक सिस्टम के बजाय इलेक्ट्रिक मोटर्स। इस कारण इसमें टेक्निकल खामियां भी सामने आईं। बोइंग 787-8 में इस्तेमाल होने वाले जनरल इलेक्ट्रिक GEnx और रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 इंजनों में कई बार तकनीकी खराबी की शिकायतें आईं। इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल सिस्टम का फेल्योर, विंडशील्ड में दरार, फ्यूल लीकेज और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ियां होती रहीं।
2024 में जापान में 787-8 की टेक्निकल कमियों की वजह से हादसा हुआ। जब ANA एयरलाइंस के 787-8 में हाइड्रोलिक ऑयल लीक हुआ, जिसके बाद विमान को रनवे पर ही रोकना पड़ा।
असर: इस हादसे के बाद बोइंग कंपनी और इसके इंजन सप्लायर्स पर खराब रखरखाव और टेस्टिंग में लापरवाही बरतने के आरोप लगे। एक्सपर्ट्स ने तो यहां तक कहा कि इंजन की डिजाइन में कमियां हो सकती हैं, जिससे लंबे समय तक उड़ान के दौरान हादसा हो सकता है। इन समस्याओं की वजह से कई एयरलाइंस ने अपने 787-8 विमानों को अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिया। इससे उड़ानें रद्द हुईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।
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