सरकारी राशन की दुकान से पीडीएस का वितरण होते हुए। ( फाइल-फोटो)
भिंड जिले में 10 लाख से अधिक गरीब हितग्राही हर महीने सरकारी राशन लेते हैं। लेकिन, सरकार ने अब कालाबाजारी रोकने और फर्जी लाभार्थियों की छंटनी के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है। जिलेभर में अब तक 3.68 लाख से अधिक हितग्राहियों ने अभी तक सत्यापन नहीं करा
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शासन द्वारा पीडीएस वितरण में होने वाले फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नियमों में मामूली बदलाव किया है। सरकार की नई गाइड लाइन के मुताबिक सरकारी राशन मिलने वाले हर परिवार के हर सदस्य की ई-केवाईसी होना अनिवार्य है। हितग्राहियों के राशन लेते ही मोबाइल पर एसएमएस आएगा। इस तरह से पीडीएस की कालाबाजारी पर लगेगी रोक सकेगी।
ई-केवायसी से सत्यापन न होने पर संबंधित सदस्य का राशन कट जाएगा। इस तरह से नकली हितग्राहियों को पकड़े जाने की पहल की जा रही है। इस तरह से सत्यापन न कराने पर ऐसे हितग्राहियों का राशन आना बंद हो जाएगा। वहीं जिन लोगों ने नाम गलत तरीके से जुड़े हैं, ऐसे नामों की छंटनी हो जाएगी। फैक्ट फाइल
क्रमांक | हितग्राही का विवरण | कुल संख्या |
01 | जिले में सरकारी राशन लेने वाले हितग्राही- | 10 लाख 04 हजार 760 |
02 | अब तक कितने हितग्राहियों की ई केवायसी हुई- | 6 लाख 36 हजार 501 |
03 | ई-केवायसी से वंचित हितग्राहियों की संख्या- | 3लाख 68 हजार 259 |
04 | जिले में पीडीएस की कुल दुकानों की संख्या | 512 |
ऐसे कराएं ई-केवाईसी अब तक परिवार का एक सदस्य फिंगरप्रिंट लगाकर पूरे परिवार का राशन ले सकता था, लेकिन अब सभी सदस्यों की ई-केवाईसी जरूरी है। आधार कार्ड से सत्यापन के बाद ही सिस्टम में फिंगरप्रिंट अपडेट किए जाएंगे। बच्चों का आधार कार्ड भी अनिवार्य होगा।
खाद्य नागरिक आपूर्ति अधिकारी मनोज वाष्णेय ने बताया-
अब राशन वितरण का पूरा डाटा ऑनलाइन होगा। राशन लेते ही हितग्राही को एसएमएस मिलेगा, जिससे पीडीएस दुकानदार हेराफेरी नहीं कर सकेंगे। अगर किसी हितग्राही को राशन नहीं मिलता है, तो उसकी रिपोर्ट सीधे विभाग तक पहुंचेगी और दोषी सेल्समैन पर तुरंत कार्रवाई होगी।