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मौनी अमावस्या 2025: कुंभ स्नान और विशेष उपायों से पाएं मानसिक शांति, म‍िलेगी प‍ितृदोष से मुक्‍ति


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मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को महाकुंभ के दौरान है. इस दिन दान, तप, स्नान का विशेष महत्व है। ज्योतिष डॉ. मधु प्रिया प्रसाद के अनुसार, चंद्रमा का प्रभाव हमारे मन-मस्तिष्क पर गहरा असर डालता है.

महाकुंभ के समय मौनी अमावस्या का क्यों है विशेष महत्व

इस साल 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या है, जो महाकुंभ के दौरान पड़ रही है. इस दिन किए गए दान, तप, उपाय, और स्नान का विशेष महत्व है. ब्रह्ममुहूर्त में उठकर कुंभ स्नान करें और जल तथा दूध का सूर्य देव को अर्घ्य दें. प्रस‍िद्ध ज्‍योत‍िष डॉ. मधु प्र‍िया प्रसाद बताती हैं कि अमावस्या वह दिन है जब चंद्रमा न तो उदय होता है और न ही अस्त, यानी यह सूर्य और चंद्रमा का मिलन काल होता है. चंद्रमा का प्रभाव हमारे मन-मस्तिष्क पर गहरा असर डालता है, क्योंकि हमारे जन्म के समय चंद्रमा की स्थिति के आधार पर हमारी भावनाएं और सोच का विकास होता है. हमारा जीवन भी ग्रहों के प्रभाव से चलता है. अमावस्या के दिन चंद्रमा के प्रभाव में कमी के कारण, बहते हुए जल में स्नान करने से चंद्रमा द्वारा अवशोषित ऊर्जा जो पानी में सबसे अधिक होती है, वह संतुलित हो जाती है. यह एक प्रकार का वैज्ञानिक उपचार है, जिसे हमारे महान ऋषियों और मुनियों ने सनातन धर्म में जोड़ा था ताकि हमारे जीवन को बेहतर बनाया जा सके.

कुछ समय जल में रहकर ध्यान केंद्रित करें, अपने सात चक्रों पर ध्यान लगाएं. यदि आप 1-5 मिनट भी ऐसा कर पाते हैं, तो आपके अंदर के ब्रह्मांड को समझने की प्रक्रिया में आप सफल हो सकते हैं. यह एक ऐसा अवसर है जब कुंभ के दौरान बृहस्‍पति की ऊर्जा आपके साथ मिलती है. इसलिए उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुंह करके ध्यान करते हुए अनंत ब्रह्मांड से जुड़ने का प्रयास करें.

ज्‍योत‍िष डॉ. मधु प्र‍िया प्रसाद कहती हैं कि जो लोग कुंभ स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं, वे किसी भी जलाशय में जाकर इस विधि का पालन कर सकते हैं. यदि जलाशय में भी नहीं जा सकते, तो ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर, गंगाजल को ललाट, हृदय और नाभि पर लगाकर ध्यान करें.

मौनी अमावस्या के दिन विशेष उपाय:

1. चित्त को शांत रखें : मौनी अमावस्या के दिन कम बोलने और चुप रहने का प्रयास करें. अपशब्दों से बचें.
2. पितृदोष और ग्रह दोष का निवारण : जो लोग ग्रहण दोष, पितृदोष या अमावस्या के दिन जन्मे हैं, वे स्नान के बाद खीर बनाकर उसे पीपल के नीचे या गरीबों को बांटें. इससे इन दोषों के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है.
3. मानसिक शांति के लिए उपाय : जो लोग डिप्रेशन या मानसिक कमजोरी से ग्रस्त हैं, उन्हें शाम के समय गंगा स्नान के बाद ललाट पर चंदन से चंद्रमा की आकृति बनानी चाहिए. यह उपाय बहुत लाभकारी है.

इन उपायों से आप मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं और जीवन को बेहतर बना सकते हैं.

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