खाई से बच्ची को किया गया रेस्क्यू
सरगुजा जिले के ऐतिहासिक रामगढ़ पहाड़ में परिवार के साथ घूमने गई सात साल की बच्ची बंदरों से डरकर बचने के लिए भागी, जिससे उसका पैर फिसल गया और वह करीब 200 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में बच्ची का पैर टूट गया और उसे अंदरूनी चोटें आई हैं।
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हादसे के बाद करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद बच्ची को खाई से निकाल लिया गया। तत्काल उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उदयपुर में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
रामगढ़ पहाड़ घूमने आए परिवार के साथ हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, रघुनाथपुर के प्रेमनगर निवासी मिथलेश साहू अपनी पत्नी संतोषी साहू, बेटी नाव्या साहू और रिश्तेदार रामबाई, यशोदा समेत अन्य परिजनों के साथ गुरुवार को रामगढ़ पहाड़ी पर स्थित राम मंदिर दर्शन के लिए आए थे। दर्शन के बाद सभी जानकी तालाब से चंदन कुंड पहुंचे थे।
कंधे पर लादकर निकाली गई बच्ची
बंदर से बचने भागी नाव्या खाई में गिरी चंदन कुंड से लौटते समय रास्ते में बंदरों ने झपट्टा मारा, तो नाव्या साहू घबराकर बचने के लिए दौड़ी, लेकिन पैर फिसलने से वह 200 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे के बाद मौके पर हड़कंप मच गया।
घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम बन सिंह नेताम, तहसीलदार कमलेश मिरी, थाना प्रभारी कुमारी चंद्राकर और रेंजर कमलेश राय की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया दाखिल
तीन घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बचाई गई नाव्या
200 फीट गहरी खाई में गिरी नाव्या झाड़ियों में फंस गई थी। उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। रामगढ़ के बैगा अशोक कुमार वरकड़े रस्सी के सहारे बच्ची तक पहुंचे। उनके साथ पुलिस और वन विभाग की टीम भी रस्से और चैन-पुली लेकर मौके पर पहुंची।
लगभग तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नाव्या को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हादसे में उसका बायां पैर टूट गया और उसे अंदरूनी चोटें आई हैं। घायल नाव्या को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
रामगढ़ में बंदरों का आतंक, श्रद्धालु दहशत में
रामगढ़ में चैत्र नवरात्रि पर मेले का आयोजन किया जाता है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पहाड़ी क्षेत्र में बंदरों की बड़ी संख्या के कारण लोगों में डर बना रहता है। बंदर कई बार श्रद्धालुओं पर झपट्टा मारते हैं, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है।