जिले में सोमवार की शाम मौसम अचानक बदल गया। तेज आंधी के कारण सड़कें धूल से सन गईं, बैनर-पोस्टर उड़कर बिजली तारों व खंभों से जा चिपके। घर के दरवाजे दीवारों से टकराने लगे। शहर से लेकर गांव तक बिजली गुल हो गई। पहले दोपहर में आसमान में बादलों ने डेरा जमा
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बादल छाए रहेंगे। तेज हवा के साथ हल्की बारिश के भी आसार हैं। सोमवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वैसे बदले मौसम से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं किसानों के लिए यह परिवर्तन फसल के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उधर, बिजली आपूर्ति व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई। कई इलाकों में घंटों बिजली गुल रही, तो कई क्षेत्रों में बार-बार ट्रिपिंग ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी। गोबरसही और मझौलिया में बिजली के तार पर होर्डिंग का बैनर गिरने से आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई।
सूचना मिलते जेई ने मौके पर पहुंचकर तारों से बैनर हटवाकर बिजली आपूर्ति बहाल कराई। एफसीआई गली सिंकंदरपुर में 11 केवीए का तार टूटने से उस इलाके की िबजली 3 घंटे बाधित रही। इसके अलावा मिठनपुरा, बैरिया, चंदवारा, सिकंदरपुर, जीरोमाइल, भगवानपुर, खबड़ा समेत कई इलाकों में दो-तीन घंटे बाद िबजली लौटी, लेकिन उसके बाद भी ट्रिपिंग होती रही। उपभोक्ताओं ने बताया कि बिजली हर घंटे में 5-6 बार कट रही थी। नयाटोला में दिनभर मेंटेनेंस के कारण बिजली बंद रही, और जब चालू हुई तो कुछ ही देर में तेज हवा के कारण फिर कट गई।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब रही। शाम को बिजली गई तो कई जगह देर रात तक आपूर्ति सुचारु करने की कोशिश चलती रही। खासकर शेरपुर, कांटी, बोचहां और सकरा क्षेत्र के ग्रामीणों को अधिक परेशानी हुई। ग्रिड सूत्रों के अनुसार तेज हवा के बाद अचानक बिजली की खपत कम हो गई जिससे पावर सब-स्टेशनों पर लोड गिर गया। सामान्य दिनों में जहां शहर के दोनों ग्रिड पर कुल 150 मेगावाट से अधिक लोड रहता है, वह घटकर सौ मेगावाट के करीब पहुंच गया। बिजली विभाग की यह लचर व्यवस्था आंधी-पानी के शुरुआती मौसम में ही सवालों के घेरे में आ गई है। हल्की हवा से ही आपूर्ति प्रभावित हो रही है, ऐसे में आने वाले दिनों में यदि तेज आंधी और बारिश हुई, तो स्थिति और बदतर हो सकती है। लोगों ने बिजली विभाग से व्यवस्था सुधारने की मांग की है।