हिंदू से मुसलमान बने रामपुर के एक दलित परिवार की मुरादाबाद में हवन-पूजन और शुद्धिकरण के बाद घर वापसी हाे गई। परिवार को 5 बीघा जमीन और बच्चों की पढ़ाई का लालच देकर इस्लाम कबूल कराया गया था। दंपती के 2 बेटों का खतना भी करा दिया गया था। मामले में डीआईजी
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रामपुर के इस परिवार की घर वापसी के लिए मुरादाबाद में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। दरअसल रामपुर जनपद के सैफनी थाना क्षेत्र के गांव पट्टी फैजुल्लाबाद निवासी दलित प्लंबर अमनपाल वाल्मीकि का परिवार 26 फरवरी को इस्लाम कबूल करके मुसलमान बन गया था। एक मौलाना ने अमनपाल के दो बेटों अभिषेक (12 साल) और रिषभ (8 साल) का खतना करा दिया था। इस घटना के बाद वाल्मीकि समाज के संगठन भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (भावाधस) की पहल पर आरोपियों के खिलाफ सैफनी थाने मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस की मदद से पूरी फैमिली को आरोपियों के चंगुल से आजाद कराते हुए मुरादाबाद के सिविल लाइन स्थित छतरी वाले पार्क में लाया गया। यहां भावाधस ने एक हवन पूजन और शुद्धिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया। पूरे परिवार का शुद्धिकरण करके वापस हिन्दू समाज में शामिल किया गया।
भावाधस के संस्थापक लल्ला बाबू द्रविड़ ने इस मौके पर कहा कि, डीआईजी मुरादाबाद के आदेश के बाद आरोपी एजाज की गिरफ्तारी हुई है।बच्चो के खतना करने वाले अभी फरार हैं। हिंदू धर्म में वापसी के बाद अमनपाल वाल्मीकि ने कहा कि, उसके साथ काम करन वाले ठेकेदार इलियास ने उसे लालच दिया था कि तुम मुसलमान बनोगे तो तुम्हें 5 बीघा जमीन दी जाएगी। इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च भी दिया जाएगा। इसी लालच में उसने इस्लाम धर्म कबूल किया था।