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साउथ फेसिंग घर को न समझें अशुभ, वास्तु अनुसार बनाएं इसे भाग्यशाली और ऊर्जा से भरपूर, बस जानें एंट्रेंस और दिशा संतुलन


South Facing House: जब भी घर की दिशा की बात होती है, तो ज़्यादातर लोग नॉर्थ या ईस्ट फेसिंग को ही अच्छा मानते हैं. ऐसा लगता है कि अगर घर साउथ फेसिंग है तो मानो उसमें कोई बड़ी कमी है और इसी वजह से उनकी तरक्की रुक गई है, लेकिन सच्चाई इससे काफ़ी अलग है. फर्क बस ये है कि आपको उसे ठीक से समझना है और जो जगह गलत है, उसे सही करना है. यही सोच आपको तरक्की की तरफ ले जाएगी. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

बहुत सारे लोग बिना जानकारी के सिर्फ दिशा देखकर ही घर या दुकान को अशुभ मान लेते हैं. खासकर जब साउथ की बात आती है तो डर और भ्रम दोनों बहुत होते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के गहरे अध्ययन में साफ़ बताया गया है कि साउथ दिशा अपने आप में खराब नहीं होती. असल बात होती है एंट्रेंस यानी मुख्य दरवाज़े की सही जगह.

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घर साउथ फेसिंग
अगर आपका घर साउथ फेसिंग है और उसका मुख्य गेट S3 या S4 पॉइंट पर है, तो ये एक बढ़िया संकेत है. खासकर व्यापार, कंस्ट्रक्शन, बिल्डिंग जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए ये स्थिति फायदेमंद होती है. कई बार लोग सिर्फ डर के चलते अच्छा-खासा घर बेच देते हैं या किसी सलाह के बिना बदलाव कर लेते हैं.

दरवाज़े की पॉजिशन
असल में समस्या दरवाज़े की पॉजिशन में नहीं, बल्कि जानकारी की कमी में होती है. अगर S1 या S2 पॉइंट पर दरवाज़ा है, तब वास्तु के अनुसार कुछ उपाय ज़रूरी हो सकते हैं जैसे लाल टेप लगाना या कॉपर स्ट्रिप लगवाना. वहीं अगर गेट S5, S6, S8 या W1 पॉइंट पर है, तो उसे बंद करवाना ही बेहतर होता है.

गेट शिफ्ट
ऐसे में दीवार बनवाना या गेट शिफ्ट करवाना ही सही उपाय माना जाता है. क्योंकि ये पॉइंट्स वास्तु की दृष्टि से नुकसानदायक माने जाते हैं, लेकिन ये जरूरी नहीं कि हर साउथ फेसिंग घर बुरा हो. असल बात ये है कि आपको एग्जैक्ट डिवीजन यानी सटीक हिस्सों को समझना होगा.

बाहरी दिशा
लोग अक्सर बाहरी दिशा को दोष देते हैं, जबकि असली दिक्कत अंदर के ले-आउट, टॉयलेट की जगह, स्टोर रूम, या किचन की स्थिति में होती है. कई बार घर का प्लान सही नहीं होता और उसका असर आर्थिक स्थिति पर पड़ता है. ऐसे में एंट्रेंस का दोष नहीं होता, बल्कि अंदर की ऊर्जा बाधित होती है.

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बड़ी गलती
एक और बड़ी गलती लोग ये करते हैं कि बिना विशेषज्ञ से सलाह लिए ही घर को बदलने लगते हैं. जबकि हो सकता है कि सिर्फ थोड़े से सुधार से ही हालात बेहतर हो जाएं. वास्तु का काम डर फैलाना नहीं, बल्कि संतुलन बनाना है. साउथ दिशा को लेकर अगर सही समझ हो, तो डर की कोई बात नहीं है. बस ज़रूरत है घर को ध्यान से देखने की, और अगर ज़रूरत लगे तो किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेने की.



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