सिरसा के ढुड़ियावाली में एक व्यक्ति से अपहरण कर 5 लाख रुपए की फिरौती वसूलने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने पिस्टल की दिखाकर गाड़ी में बैठाया और मारपीट की। आरोपियों ने उसकी गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। पुलिस ने इस मामले में 6 नामजद समेत 11 लोगों के खिलाफ
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जीवन नगर चौकी प्रभारी पृथ्वी सिंह के अनुसार, पीड़ित दुर्गा दास ने पुलिस को बताया कि वह चक्कां गांव का रहने वाला है और ढुड़ियावाली में स्कूल और प्रॉपर्टी का काम करता है। जयवीर धानक और सुनील कुमार ने उसकी मुलाकात विकास राणा, राहुल शेखु और यशपाल गोगी से यूएसडीटी खरीदने के लिए करवाई थी।
12 मार्च 2025 को विकास राणा ने दुर्गा दास के खाते में 7.40 लाख रुपए जमा करवाए। यूएसडीटी न मिलने पर दुर्गा दास ने 13 मार्च को 4 लाख रुपए और 15 मार्च को 40 हजार रुपए विकास राणा के खाते में वापस कर दिए। इसके बाद तीन लाख रुपए बकाया रह गए।
दुर्गा दास ने कहा कि 21 मार्च की शाम को जयवीर और राहुल दुर्गा दास के ऑफिस पहुंचे। बकाया राशि को लेकर बातचीत हुई, जिसकी रिकॉर्डिंग सीसीटीवी कैमरे में है। शाम 7:30 बजे जब दुर्गा दास जयवीर को चक्कां या पन्नीवाली छोड़ने जा रहा था, तब करीब एक किलोमीटर की दूरी पर जयवीर ने गाड़ी का हैंडब्रेक खींच दिया। इसके बाद अपहरण कर फिरौती की वसूली की गई।
गाडी में डालकर ले गए आरोपी
दुर्गा दास ने कहा कि स्कॉर्पियो गाडी मेरे सामने आकर रुकी और जयवीर घानक राहुल शेखें यशपाल, गोगी और अन्य 4 से पांच व्यक्ति मेरे पास पिस्टल लेकर मेरे सिर पर तान कर मेरे साथ मारपीट करने लगे और गाडी में मुझे डाल कर मेरी गाडी मुझसे छीन ली।
मुझे सिरसा से टोल पलाजा भावदीन के होते हुए मुझे मेरे भाई इंद्रजीत से बात करवाई की अगर तुम्हें तुम्हारा भाई सही सलामत चाहिए, तो हमें पैसे डालो और अपना भाई ले जाओ और इंद्रजीत ने पुलिस कार्रवाई करते हुए सिरसा कन्ट्रोल रूम से फोन करवाया और एसएचओ रानियां ने उच्च अधिकारियों को इस बार संघान में लाया गया। पुलिस ने लोकेशन निकलवाकर कार्रवाई करना चाहा तो आरोपियों ने मेरा फोन स्विच ऑफ कर दिया। इससे आरोपियों को नहीं पकड़ा जा सका।
होटल के पास छोड़कर भागे
दुर्गा दास के मुताबिक, आरोपी उसे होटल राजा के पास छोड़ दिया और कहने लगा कि अब यहां से चला जा और इस घटना को आगे किसी को मत बताना और कहकर वहां से चले गए। दुर्गा दास ने कहा कि जब मेरी गाड़ी वापस मिली तो उसमें काफी तोड़फोड़ भी कर रखी थी।