नई दिल्ली4 मिनट पहले
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ज्यूडीशियरी में ट्रांसपैरेंसी और जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों ने पदभार ग्रहण करने के दौरान ही अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने का फैसला किया है।
1 अप्रैल को हुई फुल कोर्ट मीटिंग में सभी 34 जजों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना की मौजूदगी में अपनी संपत्ति का खुलासा करने का फैसला लिया है।
जजों ने यह भी कहा कि संपत्तियों से जुड़ी डीटेल सुप्रीम कोर्ट की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। हालांकि, वेबसाइट पर संपत्ति की घोषणा स्वैच्छिक होगी।
सुप्रीम कोर्ट में जजों की निर्धारित संख्या 34 है। फिलहाल यहां 33 जज हैं, एक पद खाली है। इनमें से 30 जजों ने अपनी संपत्ति का घोषणा पत्र कोर्ट में दे दिया है। हालांकि, इन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया है।
यह कदम दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से कैश मिलने के विवाद के बाद लिया गया है। जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले में 14 मार्च को आग लगी थी। फायर सर्विस टीम को वहां अधजले नोट मिले थे।
जस्टिस वर्मा का दिल्ली से इलाहाबाद ट्रांसफर
कैश मामले में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद आदेश जारी किया गया है। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को निर्देश दिया गया है कि जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक काम न सौंपा जाए।
मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की इंटरनल जांच कमेटी कर रही है। जिसमें 3 जज हैं। इस कमेटी के सामने जस्टिस यशवंत वर्मा की पेशी जल्द हो सकती है।
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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिलने का वीडियो जारी किया है। 65 सेकेंड के वीडियो में नोटों से भरी बोरियां दिखाई दे रही हैं। घटना 14 मार्च की है। बंगले में आग की सूचना पर फायर ब्रिगेड पहुंची थी। वहीं दमकल कर्मचारियों को ये नोट मिले। रकम करीब 15 करोड़ थी। पूरी खबर पढ़ें…