ज्येष्ठ की विनायक चतुर्थी का व्रत 30 मई को है. इस बार विनायक चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. विनायक चतुर्थी तिथि आज 29 मई की रात 11:18 बजे से लेकर 30 मई को रात 9:22 बजे तक है. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग सुबह में 05 बजकर 24 मिनट से रात 09 बजकर 29 मिनट तक हैं. ये दोनों ही योग शुभता और सिद्धि प्रदान करने वाले हैं. विनायक चतुर्थी व्रत में गणेश जी की पूजा दोपहर के समय करते हैं. इस विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:56 बजे से दोपहर 01:42 बजे तक है. गणेश जी की पूजा के समय विनायक चतुर्थी व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए. इससे व्रत का पूर्ण फल मिलता है और व्रत का महत्व भी पता चलता है. आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी व्रत कथा के बारे में.
विनायक चतुर्थी व्रत कथा
पुराने समय की बात है, एक नगर में एक व्यापारी अपनी धर्मपत्नी के साथ सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता था. वह हर महीने विनायक चतुर्थी का व्रत श्रद्धा से करता था. उसकी पत्नी भी उसके साथ इस व्रत को करती थी. भगवान गणेश की कृपा से उनके घर में धन-धान्य, सुख-शांति बनी रहती थी.
एक दिन वह व्यापारी किसी व्यापारिक कार्य से दूर देश गया. उसने पत्नी से कहा, “मैं जब तक वापस न आऊं, तुम विनायक चतुर्थी का व्रत न करना, क्योंकि यात्रा में मैं तुम्हारे साथ पूजा नहीं कर पाऊंगा.” पत्नी ने सहमति दी.
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लेकिन चतुर्थी के दिन पत्नी को याद आया कि भगवान गणेश का व्रत बहुत फलदायक होता है, इसलिए उसने पति की अनुपस्थिति में ही व्रत कर लिया.
जब व्यापारी वापस आया, तो उसने देखा कि घर में धन की हानि हो चुकी है, और व्यापार में भी भारी नुकसान हुआ है. वह बहुत चिंतित हुआ. उसे एक पंडित ने बताया कि किसी ने नियम भंग कर व्रत किया है, जिससे विघ्न उत्पन्न हुआ है.
पत्नी ने अपनी गलती स्वीकार की और दोनों ने अगले विनायक चतुर्थी को विधिवत रूप से साथ में व्रत किया और भगवान गणेश से क्षमा मांगी.
भगवान गणेश प्रसन्न हुए और उन्होंने वरदान दिया कि जो भी श्रद्धा से विनायक चतुर्थी का व्रत करेगा, उसके सारे विघ्न दूर होंगे, और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी.
इस कथा के अलावा और भी कथाएं हैं, जो चतुर्थी व्रत में पढ़ी जाती हैं. विनायक चतुर्थी व्रत में नर्मदा नदी के तट पर भगवान शिव और माता पार्वती के चौपड़ खेलने वाली कथा भी पढ़ते हैं.
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विनायक चतुर्थी व्रत के 4 बड़े फायदे
1. जो विनायक चतुर्थी व्रत करता है, उसके सभी कार्यों में सिद्धि और सफलता मिलती है.
2. गणेश जी की कृपा से कुंडली का राहु-केतु दोष दूर होता है.
3. नौकरी, परीक्षा, विवाह, संतान, कोर्ट केस, आदि सभी कामों में आने वाले विघ्न टल जाते हैं.
4. गणपति बप्पा की कृपा से घर में सुख-शांति, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)