उमा शर्मा 5 और 7 फरवरी को सौरभ से मिलने जेल पहुंची थीं।
आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के लिए अब नई मुश्किल ग्वालियर से शुरू हो गई है। बेनामी संपत्ति कमाकर चर्चित हुए सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ ग्वालियर के सिरोल थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है। यह मामला सहायक परिवहन आयुक्त
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साल 2016 में परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति लेते समय सौरभ और उसकी मां उमा शर्मा ने शपथ पत्र में बड़े भाई सचिन शर्मा की छत्तीसगढ़ सरकार में सरकारी नौकरी की बात छिपाई थी। मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद अब ग्वालियर में दोनों पर मामला दर्ज कराया गया है। सौरभ की नियुक्ति को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू पहले ही लोकायुक्त में शिकायत कर चुके थे। सौरभ पर झूठे शपथ पत्र में मामला दर्ज होने वाला है। इसका खुलासा 20 दिन पहले ही दैनिक भास्कर कर चुका है।
सौरभ शर्मा और उसकी पत्नी, साथ में वह कार जिसमें सोना मिला था।
सिरोल थाना पुलिस को आवेदन देकर सहायक परिवहन आयुक्त शिकायत ने बताया कि, उनको एक जनवरी 2025 को संयुक्त परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की ओर से एक पत्र मिला था। जिसमें सेवा निवृत परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति को लेकर दिए गए शपथ पत्र की जांच के निर्देश दिए गए थे। जिस पर सहायक परिवहन आयुक्त (शिकायत) ने जांच की और सर्विस रिकॉर्ड मंगाया तो उसमें सौरभ शर्मा ने शपथ पक्ष में यह जिक्र नहीं किया कि उसका बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ सरकार में सरकारी नौकरी में है, सौरभ की नियुक्ति के लिए उसकी मां उमा शर्मा ने भी शपथ पत्र दिया था।
जिसमें बड़े बेटे की सरकारी नौकरी की बात छिपाई थी। जब इस बात का पता लगाने सहायक परिवहन आयुक्त (शिकायत) ने छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग में संपर्क किया और वेबसाइट से कार्यरत कर्मचारियों की सूची निकाली तो वहां वरिष्ठ प्रबंधक सड़क विकास निगम रायपुर छत्तीसगढ़ का नाम मिला है। जिसके बाद शपथ पत्र झूठे होने का प्रमाण मिला है। पुलिस ने सौरभ व उसकी मां उमा शर्मा पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।
कार में मिला था 11 करोड़ कैश और 52 किलो गोल्ड
सौरभ शर्मा दिसंबर 2024 में तब चर्चा में आया था, जब लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग ने उसके ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। इसी दौरान भोपाल के मेंडोरी में इनोवा कार से 11 करोड़ रुपए कैश और 52 किलो गोल्ड जब्त किए गए थे। इसका लिंक भी सौरभ से जुड़ा था। इसके बाद सौरभ और उसके सहयोगियों की बेशुमार संपत्ति सामने आई थी। हालांकि, अब तक हुई पूछताछ में सौरभ शर्मा ने यह स्वीकार नहीं किया है कि मेंडोरी में इनोवा कार में मिला सोना और कैश उसका है। ऐसे में आयकर अफसरों के सामने यह परेशानी है कि कैश और गोल्ड के मालिक को सामने लाएं और अपनी जांच रिपोर्ट फाइल करें।
ग्वालियर में झूठे शपथ पत्र पर हुई नियुक्ति की शिकायत
आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू के मुताबिक, सौरभ ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन में परिवार के सदस्यों के कॉलम में अपने भाई की जानकारी छिपाई थी। सौरभ ने नहीं बताया था कि उसका बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में है। सौरभ की मां उमा शर्मा ने आवेदन में सहमति कॉलम पर हस्ताक्षर किए थे। ग्वालियर के तत्कालीन चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर (CMHO) अनूप कमठान ने इस आवेदन को वेरिफाई किया था। RTI कार्यकर्ता साहू ने इस आवेदन पर सौरभ और तत्कालीन सीएमएचओ सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज करने की मांग की थी।
ग्वालियर में 27 दिसंबर को ईडी ने छापेमारी की थी
27 दिसंबर 2024 की सुबह 5 बजे ईडी की टीम ने ग्वालियर के विनय नगर स्थित सौरभ शर्मा के घर पर छापा मारा था। टीम ने दिनभर की कार्रवाई के दौरान कई अहम दस्तावेज जब्त किए थे, जिन्हें बैग में भरकर ले जाया गया था। छापामार कार्रवाई में ईडी को जानकारी मिली थी कि सौरभ शर्मा की मां ने हाल ही में हाईवे पर करोड़ों की जमीन बेची थी। टीम इस सौदे की सटीक राशि और लेन-देन की प्रक्रिया की जांच कर रही थी। इसके अलावा सिटी सेंटर में उमा शर्मा के नाम पर कई संपत्तियां मिली थीं। इनमें एक व्यवसायिक बिल्डिंग शामिल थी, जहां थंब, टीबीआर और हैश टैग पब संचालित होते हैं।
ग्वालियर SSP धर्मवीर सिंह ने बताया
सिरोल थाना में आरोपी पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा व उनकी मां के खिलाफ शपथ पत्र में तथ्य छुपाकर छल करने का मामला दर्ज किया गया है।