AICC के महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट।
AICC के महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट बुधवार को रायपुर आ रहे हैं। यहां वे एयरपोर्ट से सीधे रायपुर के सेंट्रल जेल पहुंचेंगे। शराब घोटाला मामले में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा से मुलाकात करेंगे।
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इसके बाद दोपहर को पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में शामिल होंगे। बैठक में पिछले चुनावों में मिली हार की समीक्षा होगी। जिसे लेकर डिप्टी सीएम अरूण साव ने कहा कि, कांग्रेस की बैठक में वे एक दूसरे पर ही हार का ठीकरा फोड़ेंगे।
बुधवार को दोपहर 2 बजे होगी बैठक
पार्टी के बड़े नेता होंगे शामिल
इस बैठक में PCC प्रभारी सचिन पायलट के साथ-साथ सहप्रभारी ज़रिता लैतफलांग, विजय जांगिड़, PCC चीफ दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव मौजूद रहेंगे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य लोकसभा, विधानसभा, नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में हुई हार की समीक्षा करना और आगामी रणनीतियों पर चर्चा करना है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस न सिर्फ विधानसभा चुनाव में सत्ता गंवा चुकी है, बल्कि हाल ही में संपन्न नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत चुनावों में भी करारी हार का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस अधिकांश नगर निगमों में महापौर और पंचायतों में अध्यक्ष पद तक नहीं जीत पाई, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा देखी जा रही है।
संगठन में बदलाव की भी होगी चर्चा
यह भी चर्चा होगी कि, प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव की जरूरत है या नहीं। पिछले कुछ समय से पार्टी के भीतर बदलाव की मांग उठ रही है, जिसमें प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व से लेकर जिला अध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नए चेहरों को लाने की बात हो रही है।
इसके अलावा, पार्टी उन कमियों को भी दूर करने की रणनीति तैयार करेगी, जिनके कारण लगातार हार का सामना करना पड़ा। इस बैठक से छत्तीसगढ़ कांग्रेस को नई दिशा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि यदि संगठन में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता, तो पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल और गिर सकता है।
कांग्रेस के लिए यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि हार की हैट्रिक के बाद पार्टी को अब आगे की रणनीति मजबूत करनी होगी।
डिप्टी सीएम अरूण साव ने कहा कि एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ेंगे
क्या होती है पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC)?
पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी कांग्रेस पार्टी का एक प्रमुख रणनीतिक निकाय होता है, जिसका काम राजनीतिक मामलों पर मंथन करना, चुनावी रणनीति बनाना और संगठन को मजबूत करने के लिए फैसले लेना होता है। यह कमेटी पार्टी के अहम फैसलों में अहम भूमिका निभाती है, खासकर जब पार्टी को पुनर्गठन या हार की समीक्षा करनी होती है।
साव बोले- सबको मालूम है बैठक में क्या होता है
डिप्टी सीएम अरूण साव ने कहा कि, कांग्रेस की समीक्षा बैठकों में होता क्या है। ये सबको मालूम है। जनता क्यों इनसे दूर हो गई। ये अपनी कमियों पर विचार करने के बजाय एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ेंगे और इसका दोषी किसी और को बनाने की कोशिश करेंगे।