हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान।
कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष को फ्री हैंड देना बंद कर दिया है। इससे दोनों नेता उखड़े हुए नजर आ रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की जिला प्रभारियों की लिस्ट को 24 घंट
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इस पर जब भूपेंद्र हुड्डा से पूछा गया कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष का ऐलान अभी तक नहीं हो पाया, क्या कहेंगे?, तो वे हाईकमान को लेकर बोले– पूछो उनसे, हमने तो प्रस्ताव पास करके दे दिया था।
वहीं उदयभान को प्रभारियों की लिस्ट रोके जाने पर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि लिस्ट कैंसिल नहीं की बल्कि रोकी है। दोनों नेता बुधवार को नूंह में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हुड्डा ग्रुप को फ्री हैंड दिया था, यहां तक कि सांसद सैलजा की नाराजगी की भी परवाह नहीं की लेकिन कांग्रेस अच्छे माहौल के बावजूद सरकार बनाने से चूक गई।
प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने 18 दिसंबर को प्रभारियों की लिस्ट जारी की थी, जिस बाबरिया ने अगले ही दिन यानी 19 दिसंबर को एक पेज का प्रेस नोट जारी कर रोक दिया।
हुड्डा ने कहा– बाबरिया को बात करनी है प्रदेश अध्यक्ष की जिला प्रभारियों की लिस्ट रोके जाने पर भूपेंद्र हुड्डा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कोई कैंसिल नहीं की है वह, डिस्कशन करने के लिए रोकी है, उसमें पुराने ही हैं, कुछ नए आए थे, उनके बारे में बात करनी है।
उदयभान की सफाई, 5–6 ही बदले थे प्रदेश में नए प्रभारियों की नियुक्ति को लेकर उदयभान ने कहा कि मैंने 22 जिलों की लिस्ट जारी नहीं की थी। उनमें कुछ विधायक पार्टी छोड़ गए थे, पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा या सांसद बन गए या पार्टी विरोधी गतिविधियों में थे, उन 5–6 जगहों पर नाम बदले गए, बाकी तो पहले जैसा ही रहा।
उदयभान ने उदाहरण देते हुए कहा….
जैसे शारदा राठौर निर्दलीय लड़ीं और 6 साल के लिए निष्कासित हुईं। ललित नागर की जगह चेंज हुई। इसी तरह रोहतक में तीर्थ दहिया पार्टी विरोधी गतिविधियों में थे, जयप्रकाश सांसद बन गए थे, इस वजह से कुछ चेंजेस किए थे।
बाबरिया डिस्कस करना चाहें तो कर लें जब तक जिलों में पार्टी प्रधान नहीं बनते, तब तक यह व्यवस्था की गई थी ताकि पार्टी की पॉलिसीज को धरातल तक ले जाएं। उन्हीं के जरिए पार्टी के प्रोग्राम नीचे तक ले जा रहे थे। वह हमारे धुरी थे। उसमें वह(बाबरिया) कुछ डिस्कस करना चाहते हैं तो कर लें, उसके बाद सब सुलझ जाएगा।
संगठन पर बोले– अब तो फुर्सत है, नुकसान तो हो चुका संगठन के सवाल पर उदयभान ने कहा– अब तो फुर्सत में हैं, इलेक्शन हो गया। जो नुकसान होना था, हो गया। अब यह भी जल्दी हो जाएगा। मुझे इतना नहीं पता कि यह कब तक होगा।
उदयभान से जब संगठन न बन पाने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका हंसते हुए जवाब दिया कि चुनाव होने के बाद अब तो फुर्सत में हैं।
निकाय चुनाव की कमेटी को भी हाईकमान की अप्रूवल का इंतजार निकाय चुनाव के लिए कांग्रेस की तैयारियों पर उदयभान ने कहा कि इसकी तैयारियों के लिए कमेटी बनाकर हाईकमान को अप्रूवल के लिए भेजी है। अप्रूव हो जाएगी तो उस पर काम हो जाएगा। निगम चुनाव हम सिंबल पर लड़ेंगे। नगर पालिका और नगर परिषद के लिए अभी फैसला नहीं हुआ।
हार की वजहों पर बोले– कमेटी ने रिपोर्ट दी, हाईकमान जाने हार की वजहों पर उदयभान ने कहा कि AICC ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की अगुआई में कमेटी का गठन हुआ था। उन्होंने सभी विधायकों और पार्टी कैंडिडेटों से वन टु वन बातचीत की है। उन्होंने रिपोर्ट कांग्रेस नेतृत्व को दे दी है। क्या रिपोर्ट दी है, वह तो कांग्रेस नेतृत्व ही जानता है।
बाबरिया–उदयभान 2 बार आमने–सामने हो चुके
1. EVM में गड़बड़ी का मैसेज कांग्रेस प्रभारी बाबरिया ने कहा कि काउंटिंग के दिन मुझे कुछ सीटों पर धांधली के मैसेज आए। मैंने उन्हें उदयभान को भेजा था। इसके जवाब में उदयभान ने कहा कि मेरे पास जो मैसेज आया, वह अधूरा था। उसमें आधा सच और आधा झूठ था।
2. टिकट वितरण पर प्रभारी बाबरिया ने कांग्रेस हाईकमान के आगे कबूल किया कि 10 से 15 सीटों पर टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई। उन्होंने इस्तीफे की भी पेशकश की। इसके जवाब में उदयभान ने कहा कि टिकट वितरण पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। टिकट केंद्रीय चुनाव कमेटी ने बांटे थे। उसके फैसले पर सवाल उठाना सही नहीं है।
3. संगठन न बनाने पर उदयभान ने प्रदेश में संगठन न बनने का ठीकरा बाबरिया पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि हमने कई बार लिस्ट भेजी लेकिन बाबरिया ने उन्हें हाईकमान को देने की जगह खुद दबाए बैठे रहे।