गणेशजी की स्थापना के लिए ढोल तासे से ऑफिस ले जाते युवक-युवतियां
ग्वालियर में 11 दिवसीय गणेश उत्सव का शुभारंभ शनिवार (7 सितंबर) से हो गया है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। शनिवार को शहर के बाजारों मंे उत्सव का माहौल है। सड़कों पर ढोल तासों की थाप पर नाचते गाते
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बाजारों में गणेश प्रतिमा खरीदारों की भीड़
गणेशोत्सव के उत्साह से सराबोर हुआ शहर गणेश उत्सव शनिवार से शुरू हो गया है, लेकिन उससे पहले ही बाजारों में रौनक आ गई है। बाजारों में मिट्टी और पीओपी के गणेश प्रतिमाओं का व्यवसाय करने वालों के चेहरे खिल गए हैं। बाजारों में भीड़ से मूर्तिकारों के चेहरे खिल उड़े हैं। कुछ मूर्तिकारों का कहना है कि इस बार गणेश प्रतिमाओं की मांग ज्यादा है। लोग दो से तीन फीट के गणेश और मिट्टी की प्रतिमाएं मांग रहे हैं। परिवार के साथ की पूजा-अर्चना, मांगी खुशहाली शहर में स्थित गणेश मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है। इसके साथ ही घर-घर में भगवान गणेश की आराधना करते हुए शहरवासियों ने परिवार की खुशहाली की कामना कर की हैं। खासगी बाजार स्थित मोटे गणेश मंदिर, शिन्दे की छावनी स्थित अर्जी वाले गणेश मंदिर में भक्त सुबह से दर्शनों लिए कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इन मंदिरों के अलावा शहर में स्थित भगवान गणेश के मंदिरों पर भी उत्सवी माहौल देखने को मिल रहा है। पांच महीने पहले से करते हैं मूर्ति बनाने की शुरुआत गणेश प्रतिमाएं बनाने वाले कारीगर राजेन्द्र निवासी डबरा ने बताया कि वह गणेश उत्सव के लिए प्रतिमाएं बनाने की तैयारी गणेश चतुर्थी से पांच महीने पहले से शुरू कर देते हैं। राजेन्द्र का कहना है कि इस बार बड़ी मूर्तियों की डिमांड कुछ कम लग रही है, लेकिन छोटी प्रतिमाएं ज्यादा बिक रही हैं।
1500 से ज्यादा पंडाल लगे
ग्वालियर शहर में गणेश उत्सव के दौरान छोटे-बड़े करीब 1500 से ज्यादा स्थान पर गणेश पंडाल लग रहे हैं। जिसमें सबसे ऊंचे और बड़े गणेश प्रतिमा दौलतगंज में 23 फीट की लग रही है। इसके अलावा खल्लासीपुरा में 22 फीट और अचलेश्वर मंदिर की 20 फीट की प्रतिमा और यहां लगने वाली झांकिया आकर्षण का केन्द्र रहेंगी।