गुरुग्राम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रीजनल ऑफिस ने एमटेक ऑटो, एआरजी लिमिटेड, एसीआईएल, मेटा लिस्ट फोर्जिंग और कास्टेक्स टेक्नोलॉजिस की 557.49 करोड़ रुपए मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। यह कुर्की ईडी द्वारा 5 सितंबर 2024 को जारी 5115.31
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सुप्रीम कोर्ट ने सौंपी थी जांच दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी 2024 को एमटेक ऑटो मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कथित 27 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले को लेकर ईडी से 6 महीने में रिपोर्ट मांगी थी। यह आदेश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने जारी किया था। अदालत ने ईडी को पांचों कंपनियों और उनके पूर्ववर्ती प्रबंधन और शेयरधारकों के खिलाफ विस्तृत जांच का निर्देश दिए थे।
फंड को दूसरे बिजनेस में लगाया
प्रथम दृष्टया अब तक एकत्र किए गए सबूतों से संकेत मिलता है कि फंड को भूमि सौदों और रियल एस्टेट परियोजनाओं आदि में लगाया गया था। निदेशकों के परिवार के सदस्य और करीबी रिश्तेदारों को अनुचित फायदा दिया गया। ये कहा गया था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से प्राप्त सार्वजनिक धन के संबंध में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि सीबीआई द्वारा की जा रही जांच और पूछताछ जारी रहेगी। सभी एजेंसियां साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया में ईडी के साथ पूरा सहयोग करेंगी।
500 से ज्यादा कंपनियां बनाकर फ्रॉड का आरोप अदालत ने स्टेटस रिपोर्ट देखकर कहा था कि एमटेक समूह ने 500 से अधिक कंपनियों का जाल बुना हुआ है। संबंधित संस्थाओं में डमी निदेशकों की नियुक्ति की गई है। दस्तावेजों में गलत बयानी की गई है। विभिन्न तरीकों से संबंधित और नियंत्रित संस्थाओं के माध्यम से ऋणों का हेरफेर और हेराफेरी हुई है। अदालत ने ये भी देखा कि बड़ी संख्या में बैंकों और पीएसयू ने मात्र 20 फीसदी भुगतान स्वीकार करके ऋण खाते बंद कर दिए हैं।