भावनगरकुछ ही क्षण पहले
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गुजरात से 20 लोगों का ग्रुप कश्मीर में मोरारी बापू की कथा में शामिल होने गया था।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हुई है। इनमें तीन गुजराती भी शामिल हैं। बीते दिन सूरत के शैलेशभाई हिम्मतभाई कलथिया की मौत की पुष्टि हो गई थी, जबकि भावनगर के यतीशभाई और उनके बेटे स्मित लापता थे। आज सुबह इन दोनों की मौत की पुष्टि हुई।
काजलबेन को आतंकियों ने छोड़ा भावनगर से 20 लोगों का एक ग्रुप जम्मू-कश्मीर गया था, जिसमें भावनगर के कालियाबीड़ क्षेत्र में रहने वाले यतीशभाई परमार, उनकी पत्नी काजलबेन और बेटा स्मित यतीशभाई शामिल थे। आतंकियों ने काजलबेन को छोड़ दिया, जबकि उनके पति और बेटे को गोली मार दी। भावनगर निवासी 45 वर्षीय यतीशभाई परमार कालियाबीड़ इलाके में हेयर सैलून चलाते थे। जबकि, उनका 17 वर्षीय बेटा स्मित 11वीं कक्षा का स्टूडेंट था।
यतीश परमार पत्नी काजलबेन और बेटा स्मित। (यतीश और स्मित की मौत हो गई है)।
मोरारी बापू की कथा में शामिल होने गए थे यतीशभाई के साले प्रकाशभाई ने बताया कि मेरी बहन-बहनोई बेटे स्मित के साथ कश्मीर में मोरारी बापू की कथा में शामिल होने गए थे। यहां से वे घूमने के लिए पहलगाम चले गए। हमें मीडियाा से हमले की जानकारी मिली, लेकिन हमें यह नहीं पता था कि तीनों पहलगाम में मौजूद हैं। सुबह जब मैंने मृतकों की लिस्ट देखी तो पता चला कि मेरे बहनोई यतीशभाई और मेरे भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।
पत्नी और बेटे-बेटी के साथ मृतक शैलेष कलथिया।
बर्थडे के एक दिन पहले ही शैलेष कलथिया की मौत कश्मीर में हुए हत्याकांड में सूरत के शैलेष कथलिया भी शामिल हैं। सूरत के चिकुवाड़ी स्थित हरिकुंज सेक्शन-2 में रहने वाले शैलेषभाई पत्नी और बेटा-बेटी के साथ कश्मीर पहुंचे थे। परिवार आज उनका बर्थडे सेलिब्रेट करने वाला था, लेकिन एक दिन पहले ही वे आतंकियों की गोलियों का शिकार हो गए। शैलेषभाई चार बहनों के इकलौते भाई थे। पिता गांव में रहते हैं, जबकि मां का निधन हो चुका है। शैलेशभाई पिछले 1 साल से वह मुंबई में बैंक ऑफ बड़ौदा में काम कर रहे थे और अपने परिवार के साथ वहीं रह रहे थे। इससे पहले उन्होंने 9 साल तक वडोदरा में बैंक ऑफ बड़ौदा में काम किया था।
घायल पर्यटकों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया।
भावनगर के विनुभाई डाभी के हाथ में गोली लगी आतंकियों की गोलीबारी में भावनगर के विनुभाई डाभी घायल हुए हैं। उनके हाथ में गोली लगी है। इलाज के बाद अब उनकी हालत में सुधार है। इस बारे में उनके बेटे अश्विन ने कहा- 16 तारीख को पापा 15 दिनों के टूर पर जम्मू-कश्मीर गए थे। वहां, मोरारी बापू की कथा भी। इसलिए उन्होंने कथा में शामिल होने के बाद जम्मू-कश्मीर घूमने का प्लान बनाया था। टूर के आखिरी सफर में वे वैष्णो देवी, पंजाब और राजस्थान होते हुए 30 अप्रैल को भावनगर वापस आने वाले थे। मुझे जानकारी मिली है कि अचानक हुई गोलीबारी में वे घायल होकर गिर गए थे। फिलहाल उनकी तबीयत स्थिर है।
आतंकी हमले के बाद घायल पर्यटकों को अस्पताल ले जाते लोग।
मोरारी बापू की कथा से 100 किमी दूर हुआ हत्याकांड वहीं, कथा वाचक मोरारी बापू ने कहा कि पहलगाम में कल जो दुखद घटना हुई, वह मेरी कथा से 100 किलोमीटर दूर है। गुजरात से लोग मेरी कथा में शामिल होने आए थे। यहीं से वे पहलगाम घूमने चले गए। इस भीषण हत्याकांड में मैं उन लोगों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
तस्वीर पहलगाम की है, जहां घेराबंदी कर दी गई है। सुरक्षाबलों ने निगरानी बढ़ा दी है।
गुजरात से कश्मीर गए लोगों के नाम…
- शैलेषभाई कथलिया (मृतक)
- यतीशभाई सुधीरभाई परमार (मृतक)
- स्मित यतीशभाई परमार (मृतक)
- विनुभाई त्रिभोवनभाई डाभी (घायल)
- काजलबेन यतीशभाई परमार
- लीलाबेन विनुभाई दभी
- धीरूभाई दह्याभाई बराड
- मंजुलाबेन धीरूभाई बराड
- महासुखभाई राठौड़
- पुष्पाबेन महासुखभाई राठौड़
- हरेशभाई नानजीभाई वाघेला
- ख़ुशी हरेशभाई वाघेला
- अस्मिताबेन हरेशभाई वाघेला
- मंजूबेन हरजीभाई नाथानी
- सार्थक मनोजभाई नाथानी
- हरजीभाई भगवानभाई नाथानी
- हर्षदभाई भगवानभाई नाथानी
- चंदूभाई जेरामभाई बराड
- चंदूभाई तुलसीभाई बराड
- गीताबेन चंदूभाई बराड
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