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ड्राइवर ने बस को आग लगाई, 4 की मौत: वेतन कटौती के चलते नाराज था, जिनको मारने के लिए प्लानिंग की वो बच गए


मुंबई23 मिनट पहले

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आरोपी ड्राइवर जनार्दन हंबरडेकर का कुछ कर्मचारियों के साथ विवाद था और वह बदला लेना चाहता था।

महाराष्ट्र के पुणे के हिंजवड़ी इलाके में बुधवार सुबह एक निजी कंपनी की बस में आग लगने से चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी और छह लोग झुलस गए थे।

पहले इसे हादसा माना जा रहा था, लेकिन पुलिस जांच में साजिश का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि ड्राइवर ने ही खुद बस में आग लगाई थी। वो वेतन कटौती से नाराज था।

पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) विशाल गायकवाड़ ने बताया कि जांच में पता चला है कि आग एक दुर्घटना नहीं थी। आरोपी ड्राइवर जनार्दन हंबरडेकर का कुछ कर्मचारियों के साथ विवाद था और वह बदला लेना चाहता था। वह वेतन कटौती की वजह से भी नाखुश था।

बेंजीन को कपड़े में लगाकर आग लगाई

DCP ने बताया कि आरोपी ने ज्वलनशील रसायन बेंजीन खरीदा था। उसने बस में टोनर पोंछने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कपड़ा भी रखा था। जब बस हिंजवाड़ी के पास पहुंची, तो उसने माचिस जलाई और कपड़े में आग लगा दी।

इसके बाद आरोपी चालक ड्राइवर चलती बस से कूद गया। बस करीब सौ मीटर चलने के बाद रुक गई। हंबरदेकर भी बस से बाहर निकलने से पहले ही जल चुका था।

पुलिस को देख बार-बार बेहोश होने का नाटक करता रहा

आरोपी ड्राइवर हंबार्डिकर मामूली रूप से घायल होने के बावजूद वह पुलिस को देख बार-बार बेहोश होने का नाटक करता रहा। यह मामला वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कन्हैया थोरात ने देखा तो संदेह हुआ। इसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की। वह फिर भी अस्पष्ट जवाब दे रहा था. इस बीच, घटनास्थल के पास स्थित एक कंपनी के सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि ड्राइवर सीट के नीचे कुछ जला रहा था। इसके बाद पुलिस ने गहन पूछताछ की तो आरोपी ने जुर्म कबूल कर लिया। ड्राइवर का अस्पताल में इलाज चल रहा है और बाद में उसे गिरफ्तार किया जाएगा।

गाड़ी में बैठे तीन लोगों से नाराज था आरोपी

पूछताछ में आरोपी ड्राइवर ने बताया कि उसके साथ कंपनी के अन्य कर्मचारियों ने अपमानजनक व्यवहार किया था। दो दिन पहले उसने डिब्बे से रोटी भी नहीं खाने दी थी। इसके अलावा दिवाली के दौरान वेतन भी काट लिया गया। आरोपी ड्राइवर गाड़ी में बैठे तीन लोगों से नाराज था। उसने उन्हें सबक सिखाने के लिए घटना को अंजाम दिया।

इमरजेंसी गेट नहीं खोल पाए थे कर्मचारी

दरअसल, बुधवार को बस में आग लगने से चार कर्मचारियों शंकर शिंदे (63), राजन चव्हाण (42), गुरुदास लोकरे (45) और सुभाष भोसले (44) की मौत हो गई थी। वे बस में पीछे बैठे थे और समय पर इमरजेंसी गेट नहीं खोल पाए। इसके अलावा छह यात्री झुलस गए थे। डीसीपी ने कहा है कि मामले में आगे की जांच जारी है।

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